भोपाल। आखिरकार मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शिवराज सरकार का विस्तार होने जा रहा है। बहुप्रतिक्षित होने जा रहे कैबिनेट विस्तार में दो नए मंत्रियों का शपथ लेना लगभग तय है वहीं दो अन्य नामों पर और भी विचार हो रहा है। विंध्य से आने वाले राजेंद्र शुक्ल और महाकौशल से आने वाले गौरीशंकर बिसेन का नाम शपथ लेने वाले मंत्रियों में लगभग तय है। कैबिनेट विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंहं चौहान ने मंगलवार देर रात राजभवन पहुंचकर राज्यपाल मंगुभाई पटेल से भी मुलाकात भी की।
पुराने चेहरों की एंट्री!-चुनाव से दो महीने पहले होने जा रहे कैबिनेट विस्तार जिन चेहरों को शामिल किया जाना लगभग तय है, उनमें पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल, गौरीशंकर बिसेन का नाम है। राजेंद्र शुक्ल और गौरीशंकर बिसेन दोनों ही पिछले शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके है। इसके अलावा मंत्रीपरिषद में दो अन्य शेष पदों पर भी दो नए चेहरों को एंट्री मिलने की संभावना है लेकिन इस दौड़ में कई नाम शामिल है।
चुनाव से ठीक पहले विस्तार क्यों?- चुनाव से ठीक पहले इन दोनों चेहरों को कैबिनेट में शामिल किए जाने का सबसे बड़ा कारण मंत्रिमंडल के क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करना है। शिवराज कैबिनेट के चौथे कार्यकाल में महाकौशल से वर्तमान में केवल एक मंत्री रामकिशोर कांवरे है। राज्यमंत्री कांवरे बालाघाट जिले से पहली बार विधायक चुने गए थे। गौरतलब है कि पूर्व में शिवराज सरकार के मंत्री रहे गौरीशंकर बिसेन को दरकिनार कर रामकिशोर कांवरे को मंत्री बनाया गया।
वहीं विंध्य से आने वाले भाजपा की सीनियर नेता राजेंद्र शुक्ल को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है। अब विंध्य से शिवराज कैबिनेट में सीधा कोई प्रतिनिधित्व नहीं था। हलांकि विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम विंध्य से ही आते है।
दअसल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा को दिग्गज नेताओं की सीधी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। महाकौशल और विंध्य दोनों से ही क्षेत्र का मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से स्थानीय स्तर पर नाराजगी के सुर लंबे समय से सुनाई दे रहे है।