मध्य प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की तुलना अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र से की, जिन्होंने लोकप्रिय फिल्म शोले में क्रमश: जय और वीरू की भूमिकाएं निभाई थीं। वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए दोनों नेताओं को जेल से भागे हुए और धोखेबाज करार दिया।
एक पत्रकार ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के संबंधों को लेकर सवाल किया था, जिसके जवाब में सुरजेवाला ने उन्हें शोले के जय और वीरू की उपमा दी। उन्होंने कहा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का रिश्ता धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन (शोले में) के संबंधों जैसा है।
सुरजेवाला ने भोपाल में कहा कि न तो गब्बर सिंह (शोले फिल्म का मुख्य खलनायक) उनमें (फिल्म में) लड़ाई करवा सका और न ही भाजपा का गब्बर सिंह यहां ऐसा करवा पाएगा। सुरजेवाला से कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के बदलाव और राज्य में टिकट वितरण को लेकर दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच कथित मतभेदों को लेकर सवाल किया गया था।
सुरजेवाला ने दावा किया कि लगाया कि टिकट वितरण को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा के भीतर भारी टकराव चल रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने जहां जरूरत थी वहां टिकट में बदलाव कर दिया है और अब वह मामला समाप्त हो गया है।
सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा नेता अपनी हताशा दिखाने के लिए हर दिन ऐसी बातें कहते हैं। भाजपा को हमारी पार्टी से क्या दिक्कत है? दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और हमारे सभी नेताओं के बीच प्रेम और समन्वय है। यह मध्य प्रदेश के विकास और प्रगति के लिए है।
भाजपा का पलटवार : सुरजेवाला के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, राज्य भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि सुरजेवाला की टिप्पणी ने इस तथ्य को स्थापित किया है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जय और वीरू के धोखेबाज पात्रों के समान हैं, जो जेल से भाग गए थे।
चतुर्वेदी ने कहा कि ये वो फिल्मी किरदार थे जो जेल से भाग गए थे। मध्य प्रदेश में मिस्टर बंटाधार (भाजपा, दिग्वजिय सिंह को इसी नाम से बुलाती है) और करप्शन नाथ (भाजपा, कमलनाथ को कहती है) का भी यही हाल है। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लूटा है। जब भी मौका मिला उन्होंने आम जनता को लूटा। इन दोनों से कोई नहीं बचा।
इस महीने की शुरुआत में, कमलनाथ का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उन्होंने कथित तौर पर शिवपुरी से एक नेता को टिकट देने से इनकार करने पर अपनी पार्टी के लोगों से दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ने के लिए कहा था। इससे उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी में मतभेद की चर्चाएं तेज हो गई थीं।
हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्रियों ने इस प्रकरण को तूल नहीं दी और एकजुट चेहरा दिखाने की कोशिश की। भाजपा ने शुक्रवार को फिर आरोप लगाया कि टिकट वितरण पर विवाद के बाद दिग्विजय सिंह ने खुद को चुनाव प्रचार से दूर कर लिया है।
भाजपा द्वारा कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए वीडियो का सहारा लेने के बाद कमलनाथ ने स्पष्ट किया कि दिग्विजय सिंह और उनके बीच संबंध केवल राजनीतिक नहीं है। मध्य प्रदेश की 230 सीटों के लिए 17 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा और वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।