दोनों ही उम्मीदवारों के जीत के अपने अपने दावे हैं, लेकिन पिछले परिणाम के आधार पर देखें तो इस बार मुकाबला कड़ा है। परिणाम कहीं भी जा सकता है। इस क्षेत्र से चार बार विधायक रह चुके हैं हार्डिया का मानना है कि उनके क्षेत्र में एंटी-इनकम्बेंसी जैसा कुछ भी नहीं है। वहीं, सत्यनारायण पटेल का दावा है कि क्षेत्र के लोग अब भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं।