आरपीएफ की कैद में नाबालिग

मंगलवार, 7 अप्रैल 2009 (11:21 IST)
आरपीएफ ने 12 वर्षीय एक नाबालिग को दो दिनों से बंधक बनाकर रखा है। आरपीएफ की कैद में छटपटाते हुए वह आँसू बहा रहा है, लेकिन उसकी स्थिति को देखकर किसी का दिल नहीं पसीज रहा है।

बताते हैं कि उसे कोयला चोरी के आरोप में पकड़ा गया है, जबकि पकड़े जाने के समय उसके पास से कोई सामान बरामद नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पकड़े गए बालिग आरोपियों 24 घंटे के अंदर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करना होता है।

नाबालिग निरुद्घ के मामले में आदेश और भी सख्त है। बाल न्यायालय अधिनियम के तहत निरुद्ध नाबालिग को बंदीगृह में नहीं रखा जा सकता है। ऐसे आरोपियों को सजा देने के बजाय उन्हें सुधारने की दृष्टि से बाल संप्रेक्षण गृह में रखने का आदेश है, लेकिन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे सुरक्षा बल द्वारा इस अधिनियम की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं।

सूत्रों के अनुसार बिलासपुर आरपीएफ पोस्ट के बंदीगृह में 12 साल का एक नाबालिग दो दिनों से कैद है, जहाँ रो-रोकर उसकी हालत खराब हो गई है। इसके बाद भी आरपीएफ जवानों का दिल नहीं पसीज रहा है।

चुचुहियापारा निवासी नाबालिग निशार अली पिता यूसूफ अली (12) ने बताया कि वह रविवार की सुबह करीब 10 बजे अपने घर के समीप चुचुहियापारा रेलवे क्रांसिग के पास खेल रहा था, तभी आरपीएफ के जवान वहाँ पहुँचे और उसे पकड़कर बंदीगृह में डाल दिया, जहाँ वह दो दिनों से कैद में है। आरपीएफ पोस्ट के प्रभारी जीके राजपूत ने बताया कि निशार अली को कोयला चोरी के आरोप में पकड़ा गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

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