केंद्रीय सूखा राहत दल के अलग-अलग उप-समूहों ने मध्यप्रदेश के ग्वालियर, टीकमगढ़ और मुरैना जिलों के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। दल के सदस्यों ने वर्षा की स्थिति, अवर्षा के कारण फसलों को हुए नुक्सान, पेयजल, पशु चारा, रोजगार और स्वास्थ्य आदि की स्थिति का आकलन किया।
अध्ययन दल कल भी राज्य के विभिन्न इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लेगा। गुरुवार को दल के सदस्यों की भोपाल में मुख्य सचिव के साथ बैठक होगी जिसमें समग्र रूप से सूखे की स्थिति का आकलन किया जाएगा।
ग्वालियर में सदस्यों ने दौरे के पूर्व कलेक्टर आकाश त्रिपाठी से जिले में सूखे की स्थिति और इससे निपटने के कारगर उपायों पर विस्तार से चर्चा की। केंद्रीय सूखा राहत दल ने आज मुरार विकासखंड के महाराजपुरा, गिरगाँव, लक्ष्मणगढ, बरेठा तथा कछपुरा का भ्रमण किया।
उन्होंने लक्ष्मणगढ़ में बाजरा और तिल्ली की फसल देखी। बाजरा में लगभग 50 से 70 फीसदी तथा तिल्ली की फसल में इससे भी अधिक नुकसान होना पाया गया। दल ने ग्रामीणों से राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत चल रहे कार्यों तथा कार्यरत मजदूरों के संबंध में चर्चा की।
केंद्रीय दल ने भ्रमण के दौरान कुओं का अवलोकन किया जिनमें जल स्तर काफी कम पाया गया। दल में भारत सरकार के उप-सलाहकार डॉ एके तिवारी और अन्य सदस्य शामिल थे।