सिर्फ एक वोट डला तो गोपनीयता कैसे रहेगी?

शाजापुर। जिले के शाजापुर विधानसभा क्षेत्र के एक केंद्र पर पड़े एकमात्र वोट की गोपनीयता को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। 8 दिसंबर को जब मतगणना की जाएगी, तब इस वोट की गोपनीयता अवश्यमेव भंग होगी। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर तक इस गोपनीयता भंग होने संबंधी प्रकरण में असहाय साबित होंगे। ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग के मतदान गोपनीयता संबंधी निर्देशों का पालन असंभव-सा प्रतीत हो रहा है।

हुआ यह कि ग्राम तुहेड़िया के सभी 329 मतदाताओं ने 27 नवंबर को मतदान का बहिष्कार किया था। यह गाँव आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर स्थित है। गाँव वालों का कहना था कि 60 सालों में कांग्रेस तथा भाजपा की सरकारें बनीं किंतु गाँव की मूलभूत समस्याओं सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा इत्यादि का आज तक निराकरण नहीं हो पाया। 27 नवंबर को नाराज मतदाताओं को समझाने के लिए तहसीलदार अवधेश शर्मा, थाना प्रभारी एसएस सनखेड़िया और पटवारी रामलाल चौहान सहित प्रशासनिक अमले ने भी लाख प्रयास किए लेकिन नाराज मतदाता अपने निर्णय से टस से मस नहीं हुए। 27 नवंबर को प्राथमिक शाला भवन मतदान केंद्र क्रमांक 77 पर ग्राम के एकमात्र शासकीय सेवक कोटवार हरिनारायण मालवीय ने मतदान किया।

यह समाचार भी नईदुनिया में 28 नवंबर के अंक में प्रकाशित हुआ। सवाल उठता है कि जब 8 दिसंबर को ईवीएम के जरिए मतगणना होगी, तब सभी को पता लग जाएगा कि कोटवार मालवीय ने किस पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया और यह गोपनीयता संबंधी निर्देशों के उल्लंघन की श्रेणी में आएगा! इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर राजेंद्र शर्मा ने बताया कि हम तो आयोग के नियम एवं निर्देशों के तहत ही कार्य कर रहे हैं। (नईदुनिया)

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