सर्दियों में छाए रहेंगे विदेशी पर्यटक

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एक ओर तो जहां सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है, वहीं पर्यटन का मौसम भी गर्म होता जा रहा है। आने वाले सीजन में इस बार बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटकों के आने की संभावना है। जिस तरह से पिछले दिनों में पर्यटकों के आने के ट्रेंड रहे हैं और अभी जिस तरह से इस सीजन के लिए क्वेरी आ रही है।

उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार पर्यटन का सीजन अच्छा रहने वाला है। मप्र निगम सहित अन्य ट्रैवल एजेंसियों ने इसकी तैयारी कर ली है, ताकि आने वाले पर्यटकों को अधिक से अधिक सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें।

पुराने समय से ही ग्वालियर-चंबल अंचल कला, संस्कृति व ऐतिहासिक पुरा संपदाओं से समृद्ध रहा है। यहां की आवोहवा हर किसी को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेती है, तभी तो देश-विदेशों से अक्सर सैलानी आकर यहां के मोहपाश में बंध जाते हैं।

हैरिटेज सिटी आगरा व दिल्ली से पास होने के कारण यह डेस्टिनेशन विदेशी मेहमानों के लिए और भी ज्यादा खास बन जाता है। जो लोग इन शहरों को घूमने आते हैं, वे एक बार ग्वालियर की खूबसूरती को अवश्य निहारना चाहते हैं। ग्वालियर में घूमने के बाद वे झांसी, ओरछा व खजुराहो की ओर निकल जाते हैं।

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मप्र पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ज्यादातर विदेशी पर्यटक अक्टूबर से फरवरी तक टूरिस्ट सीजन में घूमने आते हैं। वे दिल्ली व मुंबई में अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट से उतरते हैं। इसके बाद वे हिंदुस्तान के विभिन्न पर्यटन स्थलों की सैर के लिए निकलते हैं।
निगम के सूत्र बताते हैं कि ग्वालियर-चंबल संभाग के विभिन्न पर्यटन स्थलों व पुरा स्मारकों की जानकारी विदेशी पर्यटक मप्र पर्यटन विकास निगम के दिल्ली स्थित कार्यालय से इकट्ठी कर रहे हैं, ताकि उन्हें घूमनें में कोई परेशानी न आए। अधिकतर पर्यटकों की डिमांड ग्वालियर-चंबल अंचल घूमने की है। इसके लिए 40-70 प्रतिशत पर्यटकों ने ग्वालियर में होटलों की एडवांस बुकिंग करा ली है। वे यह बुकिंग लोकल टूर ऑपरेटर्स या फिर इंटरनेट पर दी गई होटलों की वेबसाइट्स के माध्यम से करा रहे हैं।

यूं तो ऐतिहासिक धरोहरों से समृद्ध इस अंचल में सैर-सपाटे के लिए अनेक पर्यटन व पुरातात्विक महत्व के स्थल हैं, जिनमें मितावली-पढ़ावली, कुंतलपुर, बटेश्वर, नरेश्वर, सुहानिया, नरवर, दतिया, चंदेरी, मुरैना, भिंड अनेक स्थल हैं। लेकिन पर्यटकों की जिज्ञासा ग्वालियर का जिब्राल्टर कहे जाने वाले भव्य दुर्ग को निहारने की सबसे ज्यादा है। वे यहां के ऐतिहासिक वैभव को देखने के लिए आतुर हैं।

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