एआईएमआईएम की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. नईम अंसारी ने बुधवार को बताया कि हम अगले स्थानीय निकाय चुनावों में इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खंडवा, सागर, बुरहानपुर, खरगोन, रतलाम, जावरा, जबलपुर, बालाघाट, मंदसौर और कुछ अन्य स्थानों से मैदान में उतरने की संभावनाएं तलाश रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों सुर्खियों में रहे जीएचएमसी चुनाव में भाजपा ने ओवैसी की पार्टी को उसके गढ़ में चुनौती दी थी। ऐसे में तेलंगाना के बाद अब मध्यप्रदेश के स्थानीय निकाय चुनावों में भी दोनों दलों के बीच टक्कर देखने को मिल सकती है। बहरहाल, मध्यप्रदेश की सियासत पारंपरिक रूप से दो ध्रुवीय रही है और गुजरे बरसों में सत्ता की बागडोर भाजपा या कांग्रेस के हाथों में ही रही है।
ऐसे में एआईएमआईएम सरीखी नई राजनीतिक ताकत के लिए राज्य में कितनी चुनावी गुंजाइश है, यह पूछे जाने पर अंसारी ने कहा कि जातिवादी राजनीति और खासकर शिक्षा तथा स्वास्थ्य के बुनियादी क्षेत्रों में गिरावट से सूबे के ज्यादातर लोग भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों की सरकारों से तंग आ चुके हैं। वे तीसरा विकल्प ढूंढ रहे हैं।