फोन करने वाले ने खुद को दिल्ली में टीडीएस विभाग का कर्मचारी पवन राजपूत बताते हुए कहा कि आपके द्वारा ऑनलाइन कोर्स के लिए पुणे में भरा गया रिफंडेबल अमाउंट चार हजार 42 रुपए आपको वापस मिल रहा है। उसने फरियादी का 16 डिजिट का एटीएम कार्ड नंबर मांगा तब फरियादी ने उसे असली टीडीएस अधिकारी समझकर नंबर बता दिया। फरियादी के मोबाइल में कुछ देर बाद ही खाते से 19 हजार 942 रुपए निकाले जाने का संदेश आया।
इस धोखाधड़ी के बाद फरियादी ने साइबर अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई। साइबर पुलिस ने जांच शुरु की, जिसमें सामने आया कि ठगों द्वारा फरियादी की जो रकम धोखाधड़ी कर हड़प ली गई है, वह कार्य उत्तरप्रदेश के नोएडा स्थित किसी दीपक कुमार नामक व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है। साइबर पुलिस की टीम ने नोएडा से उसे गिरफ्तार किया। बिहार के आरा निवासी दीपक कुमार ने साइबर पुलिस से जुर्म करना स्वीकार किया।
आरोपी ने बताया कि वह वर्ष 2013 में एक कॉल सेंटर में काम करता था, जहां उसकी पहचान उत्तराखंड निवासी दीपेन्द्र और बिहार निवासी राहुलसिंह से हो गई थी। तीनों ने कंपनी से 2015 में नौकरी छोड़ दी, जिसके बाद तीनों ने लोगों से फोन पर उनके एटीएम कार्ड की जानकारी लेकर उनके खातों में सेंध लगाने का काम शुरु कर दिया। बारहवीं तक पढ़ा दीपक अपने खाते में ठगी की रकम जमा करवाता था। आरोपी ने करीब डेढ महीने में लोगों से 3 लाख रुपए की रकम ठगना स्वीकार किया। (वार्ता)