इंदौर। हाईप्रोफाइल आध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज ने यहां अपने बंगले में 12 जून को जिस कीमती रिवॉल्वर से गोली मारकर खुदकुशी की, उसका अखिल भारतीय लाइसेंस उनके ही नाम पर दर्ज था। पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है।
पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि भय्यू महाराज (50) की आत्महत्या में इस्तेमाल वेब्ले एंड स्कॉट रिवॉल्वर का पहला लाइसेंस वर्ष 2002 में महाराष्ट्र के वाशिम जिले से आध्यात्मिक गुरु के नाम पर बनाया गया था। वर्ष 2012 में उन्होंने आवेदन देकर महाराष्ट्र के ही बुलढाणा जिले से इसका अखिल भारतीय लाइसेंस अपने नाम पर बनवा लिया था।
उन्होंने बताया कि पहली नजर में लगता है कि इस रिवॉल्वर से चली गोली भय्यू महाराज की कनपटी को भेदते हुए आर-पार हो गई थी। पुलिस ने इस हथियार और मौके से बरामद गोलियों को बैलिस्टिक जांच के लिए अपराध विज्ञान प्रयोगशाला भेजा है। भय्यू महाराज के नजदीक रहे लोगों ने बताया कि अपने ट्रस्ट की अलग-अलग गतिविधियों के चलते आध्यात्मिक गुरु का महाराष्ट्र के दोनों जिलों में बराबर आना-जाना लगा रहता था। वहां उनके कुछ रिश्तेदार भी रहते हैं।
इस बीच पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के संबंध में भय्यू महाराज की पहली पत्नी से जन्मी बेटी कूहू, उनकी दूसरी पत्नी आयुषी शर्मा, उनके खास सेवादार विनायक दुधाड़े, उनके ड्राइवर और उनके अन्य करीबी लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। इनमें से कुछ लोगों के बयानों में तसदीक हुई है कि भय्यू महाराज पिछले कुछ दिनों से तनाव में थे जिसे उनके चेहरे पर साफ पढ़ा जा सकता था।