शर्मनाक, भोपाल गैंगरेप मामले में डॉक्टरों ने कर दी यह बड़ी गलती
शुक्रवार, 10 नवंबर 2017 (09:22 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश प्रशासन ने भोपाल के सामूहिक बलात्कार मामले में चिकित्सा रिपोर्ट को लेकर दो महिला चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता की 'सहमति और इच्छा से' शारीरिक संबंध बनाए गए हैं।
सुल्तानिया लेडी अस्पताल की डॉक्टरों द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट में एक स्थान पर 19 वर्षीय युवती को पीड़िता की बजाय अभियुक्त उल्लेखित कर दिया गया। यह गलती अनजाने में होने के डॉक्टरों के दावे के बावजूद भोपाल मंडलीय आयुक्त ने दोनों डॉक्टरों को नोटिस जारी किए।
पुलिस के अनुसार रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि युवती के साथ बलात्कार किया गया है। हालांकि इस रिपोर्ट में गलतियां हुई हैं। भोपाल में रेल पटरियों के निकट 31 अक्टूबर की रात को चार लोगों ने लगभग तीन घंटे तक युवती के साथ बलात्कार किया था। युवती कोचिंग क्लास के बाद घर लौट रही थी।
भोपाल रेलवे डिविजन, पुलिस अधीक्षक रूचि वर्धन मिश्रा ने कहा कि डॉक्टरों ने अपनी परीक्षण रिपोर्ट में लिखा कि पीड़ित की सहमति और इच्छा से शारीरिक संबंध बनाए गए। रिपोर्ट में एक स्थान पर पीड़िता को अभियुक्त उल्लेखित किया गया है।
उन्होंने कहा कि जब हमने स्पष्टीकरण मांगा तो संबंधित डाक्टरों ने (लिखित) स्पष्टीकरण दिया कि शब्द 'विद' 'विदआउट' के बजाय गलती से लिखा गया। वास्तव में डॉक्टर यह कहना चाहते थे कि शारीरिक संबंध ‘पीड़िता की सहमति और इच्छा के बिना’ बनाए गए। एक स्थान पर पीड़िता को अभियुक्त बताये जाने संबंधी एक अन्य त्रुटि पर भी डाक्टरों ने स्पष्टीकरण दिया है।
इस बीच भोपाल के संभाग आयुक्त जातशत्रु ने कहा कि उनकी गलतियों के कारण रिपोर्ट गलत हो सकती थी। अजातशत्रु ने कहा, 'यह संवेदनशील मुद्दा है और डाक्टरों को इस तरह की गलतियों से बचना चाहिए। रिपोर्ट का पूरा मतलब गलत हो गया। हमने दो डॉक्टरों डॉ. खुशबू गजभीये और डॉ. संयोगिता को कारण बताओ नोटिस जारी करके तीन दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा है।
इस बीच मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने आरोप लगाया कि मेडिकल रिपोर्ट से सरकार की असंवेदनशीलता का पता चलता है।
सिंह ने कहा, 'यह शर्मनाक है। इससे प्रशासन की लापरवाही और राज्य सरकार की असंवेदनशीलता का पता चलता है। इस तरह की हरकतें केवल पीड़िता के दर्द को ही बढ़ाती है।'
हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) में अपराध के लगभग 24 घंटे के भीतर एक नवम्बर को मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। (भाषा)