न्यायाधीश सविता दुबे ने घटना के 52 दिन बाद सुनाए अपने फैसले में चारों आरोपियों गोलू बिहारी, अमर छोटू, रमेश और राजेश को दोषी करार दिया और उन्हें अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के समय चारों आरोपी अदालत में मौजूद थे।
छात्रा को इसकी रिपोर्ट लिखवाने में कई थानों के बीच चक्कर लगाने पड़े थे, बाद में उसकी मेडिकल रिपोर्ट में गलतियों के मामले ने भी खासा तूल पकड़ लिया था। लापरवाही सामने आने के बाद कई पुलिस अधिकारियों का निलंबन और स्थानांतरण किया गया था। (वार्ता)