भोपाल की रहने वाली 24 वर्षीय युवती जो कॉलेज में पढ़ाई कर रही है उसे लगता था कि उसके पिता उससे बहुत प्यार करते हैं, लेकिन जब पिता ने लूडो में गोटी मारी तो बेटी को पिता से ही नफरत हो गई। अब बेटी खुद अपनी काउंसलिंग कराने काउंसलर के पास पहुंची है।
फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजानी बताती है कि लॉकडाउन में बच्चे मोबाइल फोन के साथ ही क्रिकेट, फुटबॉल, या कैरम, चेस और लूडो जैसे गेम खेलकर समय व्यतीत कर रहे हैं, जिससे कहीं रिश्ते मजबूत हो रहे हैं तो कहीं इसका उल्टा असर भी देखने को मिल रहा है। ये भी ऐसा ही मामला है, उन्होंने बताया कि युवती की काउंसलिंग चल रही है. उन्होंने इसे गंभीरता से ले लिया है।
काउंसलिंग कराने पहुंची युवती का कहना है कि उसके पिता उससे बहुत प्यार करते हैं, लेकिन अगर वो प्यार करते हैं तो उन्होंने मेरी गोटी क्यों मारी। युवती का कहना है कि पापा मेरे लिए गेम हार भी सकते थे, लेकिन उन्होंने मुझे हराया। पापा ने एक बार नही सात बार मेरी गोटी मारी और जब-जब उन्होंने गोटी मारी तब तब मेरी नफरत बढ़ती गई।
युवती की मां नही है वो अपने पिता और दो भाई बहन के साथ रहती है। लॉकडाउन में जब स्कूल कॉलेज बंद हुए तो लड़की के पिता भी वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे और पिता के साथ लॉकडाउन में युवती अपने परिवार के साथ समय व्यतीत कर रही थी। लॉकडाउन में टाइम पास करने के लिए जब युवती ने पिता को लूडो गेम खेलने के लिए कहा तो पिता ने अपने बच्चों के साथ अच्छा समय व्यतीत करने के लिए लूडो गेम खेलना शुरू कर दिया. लेकिन क्या पता था कि एक गेम पिता ओर बेटी के रिश्ते में दरार पैदा कर देगा।