यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने (फ़लस्तीनी क्षेत्र पर) इसराइल के अवैध क़ब्ज़े का अन्त करने और ग़ाज़ा में जारी तबाही को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई किए जाने की पुरज़ोर पुकार लगाई है। उन्होंने यह आहवान, फ़लस्तीन के मुद्दे पर सोमवार को यूएन मुख्यालय में शुरू हो रहे उच्च-स्तरीय सम्मेलन के अवसर पर किया है।
Ahead of tomorrows High-Level Conference on Palestine—I urge all parties to put all possible pressure on #Israel to end the carnage in #Gaza & work towards tangible progress on a two-State solution
वोल्कर टर्क ने आगाह करते हुए कहा है, "जो देश अपनी विवकपूर्ण शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे, वे अन्तरराष्ट्रीय अपराधों में संलिप्त साबित हो सकते हैं।"
यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने देशों से आग्रह किया कि वे इस अवसर का लाभ उठाकर, ऐसे ठोस क़दम उठाएं जिससे इसराइल पर जनसंहार को रोकने और दो-देश समाधान के लिए फिर से प्रतिबद्ध होने का दबाव पड़े।
वोल्कर टर्क ने ग़ाज़ा को "घातक हमलों और पूर्ण विनाश का एक भयावह स्थान" बताया, जहां बच्चे भूख से मर रहे हैं और भोजन की तलाश में परिवार मारे जा रहे हैं। अमेरिका और इसराइल द्वारा समर्थित सैन्य सहायता वितरण प्रणाली, विशालकाय ज़रूरतों को पूरा करने में विफल हो रही है। उन्होंने आगे कहा, "हम यह कभी नहीं भूल सकते कि हमारे अपने 300 से ज़्यादा साथी मारे गए हैं।"
इसके अलावा इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट पर, इसराइली सेना और यहूदी बाशिन्दों द्वारा की जा रही हिंसा बेरोकटोक जारी है, फ़लस्तीनियों के घरों को ध्वस्त कर दिया गया है और पानी की आपूर्ति बाधित कर दी गई है। वोल्कर टर्क ने 7 अक्टूबर (2023) को हमास द्वारा इसराइल में किए गए हमलों की निन्दा दोहराई, मगर इस बात पर भी ज़ोर दिया कि तब से फ़लस्तीनियों पर हुए अत्याचारों के स्तर को उचित नहीं ठहराया जा सकता।
उन्होंने, तत्काल, स्थाई युद्धविराम, बन्धकों और बन्दियों की रिहाई और मानवीय सहायता में भारी वृद्धि किए जाने की पुकार लगाते हुए निष्कर्ष कहा कि दुनिया के लोग इस सम्मेलन का मूल्यांकन इस आधार पर करेंगे कि यह क्या अवसर मुहैया कराता है।
Edited By: Navin Rangiyal