भोपाल। ग्वालियर में निजी विश्वविद्यालय के वीसी की जान बचाने के लिए हाईकोर्ट के जज की कार छीनने के मामले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े दो छात्रों के खिलाफ डकैती जैसी धाराओं में केस दर्ज होने और दोनों छात्रों को जमानत नहीं मिलने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोनों ने ही इस मामले में छात्रों के पक्ष में आगे आए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पूरा मामला उनके संज्ञान में आया है और वह पूरे मामले को देख रहे है। वहीं छात्रों के खिलाफ पुलिस के डकैती जैसी सख्त धाराओं में केस दर्ज करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस को इतनी सख्त धाराओं में केस नहीं दर्ज करना चाहिए।
शिवराज ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखा पत्र-पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा कि समाचार पत्रों के माध्यम से एक प्रकरण मेरे संज्ञान में आया है कि निजी विश्वविद्यालय के कुलपति जी की जान बचाने के पवित्र उद्देश्य से किए गए अपराध हेतु छात्रों पर प्रकरण दर्ज किया गया है। मैंने माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश महोदय को इस संबंध में पत्र लिखकर छात्रों को क्षमा करने तथा प्रकरण वापिस लेने का निवेदन किया है। मुझे विश्वास है कि माननीय उच्च न्यायालय छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखकर, मानवीय मूल्यों के आधार पर छात्रों को क्षमा प्रदान करेंगे”।