पार्टी ने भाजपा नेता से उनके बयान के बारे मे 15 दिन के अंदर जवाब मांगा है। इससे पहले भाजपा नेता को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। यहां देर शाम उनको जमानत मिल गई। गिरफ्तारी और कोर्ट से जमानत से फटकार मिलने के बाद भी सुरेंद्र नाथ सिंह के तेवर नरम नहीं पड़े हैं। उन्होंने अपने बयान पर माफी मांगने से इंकार कर दिया।
भोपाल नगर निगम पर इस वक्त भाजपा का कब्जा है। उसके महापौर आलोक शर्मा एक बार फिर उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल हैं, वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले सुरेंद्र नाथ सिंह भी लगातार विरोध प्रदर्शन के जरिए अपनी दावेदारी ठोंक रहे हैं। ऐसे में इस पूरे मामले को लेकर पार्टी दो गुटों में बंटी हुई दिखाई दे रही है।