बेंगलुरु। कर्नाटक में गठबंधन सरकार पर मंडराते खतरे के बीच मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के बेहद करीबी मंत्री ने गुरुवार को एक गेस्ट हाउस में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। अब राजनीतिक हल्कों में यह सवाल उठ रहा है कि कहीं कर्नाटक में नए राजनीतिक समीकरण तो नहीं बन रहे हैं। हालांकि, दोनों ही पक्षों का कहना है कि इस मुलाकात में कुछ खास नहीं है, लेकिन इसने अटकलों का बाजार जरूर गर्म कर दिया है।
गठबंधन के 10 बागी विधायकों के विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार से मुलाकात और उन्हें ताजा इस्तीफे सौंपने की खबर के तुरंत बाद टीवी चैनलों पर राज्य के पर्यटन मंत्री सा. रा. महेश और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव तथा के.एस. ईश्वरप्पा के बीच मुलाकात की खबरें आने लगीं। इस मुलाकात और उससे जुड़ी खबरों ने राज्य में सरकार बनाने के लिए जद(एस) और भाजपा के बीच गठबंधन के रास्ते तलाशने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है।
आज से मानसून सत्र : कर्नाटक में राजनीतिक अस्थिरता और कांग्रेस-जद(एस) सरकार की बेहद खराब स्थिति के बावजूद राज्य विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है। राज्य विधानमंडल के सत्र की शुरुआत हाल ही में दिवंगत हुए कर्नाटक की विभिन्न हस्तियों को श्रद्धांजलि देने के साथ होने की संभावना है। पिछले सत्र से इस सत्र के बीच अभिनेता, निर्देशक और नाटककार गिरिश कर्नाड का निधन हुआ है।
2 दिन और मुंबई में रुकेंगे बागी विधायक : भाजपा नेता ने कहा कि विधायक उपनगरीय पोवई स्थित होटल रेनेशॉ लौट आए हैं और वे वहां दो दिन और रुकेंगे। यह विधायक कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर और कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन की 13 महीने पुरानी सरकार से समर्थन वापस लेकर शनिवार से यहां ठहरे हुए हैं। ऐसे में कर्नाटक की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
वहीं बेंगलुरू में विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि विधायकों ने सही प्रारूप में अपने त्यागपत्र पेश किए और वह समीक्षा करेंगे कि वे स्वैच्छिक और वास्तविक हैं या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से बागी कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर से तत्काल निर्णय लेने के लिए कहा है।