भोपाल। मध्यप्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। राज्यसभा के लिए प्रदेश से रिक्त हो रही 5 सीटों पर कौन उम्मीदवार होगा, इस पर सस्पेंस बना हुआ है। विधानसभा की मौजूदा सदस्य संख्या के मुताबिक वर्तमान में भी 4 राज्यसभा सीटें भाजपा के खाते में और एक कांग्रेस के खाते में जाती हुई दिख रही है लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में जिस तरह से सोमवार को बड़ा उलटफेर हुआ और कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोकह चव्हाण ने पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया उसके बाद मध्यप्रदेश में सियासी पारा चढ़ गया है। वहीं कांग्रेस नेताओं की ओर से सोनिया गांधी को मध्यप्रदेश से राज्यसभा भेजे जाने की मांग ने कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति को और गर्मा दिया है।
सोनिया गांधी को राज्यसभा भेजने की मांग?-राज्यसभा के लिए रिक्त हो रही 5 सीटों मे से एक पर कांग्रेस के राजमणि पटेल का कब्जा है। विधानसभा के सदस्यों के समीकरण के मुताबिक कांग्रेस के पास एक सीट रहेगी। ऐसे में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा का उम्मीदवार कौन होगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी है। प्रदेश की सियासत में पिछले कई दिनों से जिस तरह के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर सियासी अटकलों का दौर चल रहा है, उसके बाद यह देखना बहुत ही दिलचस्प होगा कि कांग्रेस किस नेता को राज्यसभा भेजती है।
इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को मध्यप्रदेश से राज्यसभा भेजने का पत्र कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिख दिया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता है, इसलिए हम चाहते है कि वह मध्यप्रदेश से राज्यसभा जाएं।
इसके साथ ही कांग्रेस की ओर से राज्यसभा टिकट के दावेदारों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, सज्जन सिंह वर्मा, कांतिलाल भूरिया भी शामिल है।
BJP से राज्यसभा के लिए कौन दावेदार?-राज्यसभा चुनाव में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को फिर से एक मौका दे सकता है। वहीं तीन अन्य सीटों पर नए चेहरों को राज्यसभा भेजने का फैसला पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व ले सकता है। प्रदेश भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए नामों का पैनल पार्टी हाईकमान को भेज दिया है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व राज्यसभा की चार सीटों में से 2 पर प्रदेश के बाहर के नेताओं और 2 सीटों पर प्रदेश के नेताओं को राज्यसभा भेज सकता है। वहीं पार्टी से जुड़े सूत्र बताते है कि प्रदेश संगठन 3 सीटों पर प्रदेश के नेताओं को भेजने का आग्रह केंद्रीय नेतृत्व से किया है।
भाजपा की ओर से राज्यसभा के लिए टिकट के दावेदारों में प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा,पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता के साथ एक रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट का भी नाम शामिल है। इसके साथ लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व जातिगत समीकरण को साधने के लिए राज्यसभा चुनाव में ओबीसी वर्ग और आदिवासी चेहरे पर भी दांव लगा सकती है। विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले केंद्रीय फग्गन सिंह कुलस्ते को पार्टी राज्यसभा भेज सकती है। इस तरह ओबीसी वर्ग से आने वाले किसी नए युवा चेहरे पर भी पार्टी दांव लगा सकती है। इसके साथ पांचवी सीट को भी कांग्रेस से हथियाने के लिए पार्टी आखिरी समय कोई दांव चल सकती है।
क्या है राज्यसभा चुनाव का सियासी समीकरण?–मध्यप्रदेश में राज्यसभा की कुल 11 सीटें हैं, जिनमें से आठ सीटें भाजपा के पास और कांग्रेस वर्तमान में तीन सीटों पर काबिज है। प्रदेश की पांच राज्यसभा सीटों के मौजूदा सदस्यों केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री एल मुरूगन, कैलाश सोनी, अजय प्रताप सिंह और कांग्रेस के राजमणि पटेल का कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है।
मध्यप्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटों में से वर्तमान में भाजपा के पास 163 सीटें और कांग्रेस के पास 66 सीटें है। राज्यसभा चुनाव के एक सीट के लिए 38 विधानसभा सदस्यों का वोट चाहिए। ऐसे में वर्तमान सदस्य संख्या के मुताबिक भाजपा के खाते में 4 सीटें और कांग्रेस के खाते में 1 सीटें जाना तय माना जा रहा है।