भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों के नामों के एलान के बाद पार्टी में कार्यकर्ताओं की बगावत खुलकर सामने आ गई है। जिला अध्यक्षों की नियुक्ति से नाराज पार्टी कार्यकर्ता लगातार अपने पदों से इस्तीफा दे रहे है तो दूसरी ओर सोशल मीडिया पर भी जमकर भड़ास निकाल रहे है। सोशल मीडिया पर लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी सामने आने के बाद अब पार्टी ने डैमेज कंट्रोल के लिए अनुशासन का डंडा चलाया है।
पार्टी के संगठन प्रभारी संजय कामले की ओर से जारी एडवाइजरी में कार्यकर्ताओं को ताकीद में जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों के विरोध में सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट को 24 घंटे में हटाने का अल्टीमेटम दिया गया है। इसके साथ पोस्ट नहीं हटाने और पार्टी के निर्देश को न मानने वालों पर सख्त कार्रवाई की बात कही गई है। वहीं दूसरी ओर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भी डैमेज कंट्रोल करते हुए कहा कि जो जिलाध्यक्ष अच्छा काम नहीं करेगा उसे 6 महीने बाद हटा दिया जाएगा।
इसके साथ उन्होंने कहा कि पार्टी का कोई भी नेता उचित फोरम पर अपनी बात रखने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं। उन्होंने सफाई दी कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में मेरा जरा भी दखल नहीं रहा है। संगठन सृजन अभियान के तहत ही सभी को जिम्मेदारी दी गई है। सभी जिलाध्यक्षों के काम को 6 महीने तक बारीकी से देखा जाएगा। अगर कोई जिलाध्यक्ष कसौटी पर खरा नहीं उतरता है तो फिर उसे हटाकर दूसरे को जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके अलावा जिन जिलों में अनुशासनहीनता या पिछले चुनाव में भीतरघात की शिकायतें हैं, वहां पर सख्ती से जांच की जा रही है।
इस्तीफा का दौर जारी- वहीं पार्टी के नए जिला अध्यक्षों की घोषणा के साथ पार्टी में इस्तीफों का दौर जारी है। डिंडोरी में पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक ओमकार सिंह मरकाम को जिला अध्यक्ष बनाने के विरोध में बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है। डिंडोरी विधानसभा के करंजिया और समनापुर ब्लॉक अध्यक्षों ने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को अपना इस्तीफा दे दिया है। वहीं भोपाल और इंदौर समेत कई अन्य जिलों में भी पार्टी कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन जारी है। भोपाल में अध्यक्ष पद के दावेदार मोनू सक्सेना अब खुलकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है।
वहीं दूसरी ओर पार्टी के नए जिला अध्यक्षों को पार्टी की रीति नीति और संगठन के कामों की ट्रेनिंग देने के लिए 24 अगस्त को दिल्ली बुलाया गया है। जहां पर पार्टी के सीनियर नेता नए जिला अध्यक्षों को प्रशिक्षण देंगे। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने प्रदेश में जिला अध्यक्षों के चुनाव के लिए संगठन सृजन अभियान का आगाज भोपाल से किया था। राहुल ने पार्टी में नए कार्यकर्ताओं को आगे लाने की वकालत की थी। इसके ठीक उलट पार्टी ने जिला अध्यक्षों के नामों का जब एलान किया तो पूर्व मंत्री, विधायकों और पूर्व विधायकों को तरजीह देने के साथ कई जिलों में पुराने चेहरों को ही मौका दिया। जिसके बाद अब पार्टी में खुलकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है।