भोपाल। मध्यप्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के जरिए अपने मिशन 2023 का शंखनाद करने जा रही कांग्रेस जा रही कांग्रेस ने सत्ता में कमबैक का फॉर्मूला तैयार कर लिया है। 2018 में भाजपा से ज्यादा सीटों लाकर 15 महीने तक प्रदेश में सरकार चलाने वाली कांग्रेस अब उन विधानसभा सीटों पर फोकस करने जा रही है जहां उसे 2018 के विधानसभा चुनाव में मामूली अंतर हार मिली थी।
2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 24 विधानसभा सीटें ऐसी थी, जिन्हें कांग्रेस 3 हजार वोटों के कम मार्जिन से हारी थी और इन सीटों पर कांग्रेस पहले से ही तैयारियों में जुटी है। अगर देखा जाए तो कांग्रेस को जिन
विधानसभा सीटों पर सबसे कम मार्जिन से हार का सामना करना पड़ा था, उन सीटों में मुरैना की जौरा विधानसभा सीट, सागर की बीना विधानसभा सीट और शिवपुरी की कोलारस विधानसभा सीट हैं। इन तीनों ही विधानसभा सीटों पर 1000 वोटों के कम का अंतर रहा था।
इसी तरह इंदौर की 5 नंबर विधानसभा सीट, छतरपुर की चांदला विधानसभा सीट और सतना की नागौद सीट भी कांग्रेस उम्मीदवारों को हार का अंतर एक हजार से तीन हजार वोटों के बीच का था। ऐसे में अब कांग्रेस ने ऐसी सीटों पर हार का अंतर कम करके 2023 विधानसभा चुनाव में जीत की रणनीति तैयर कर रही है।
कांग्रेस के सूत्रों की माने तो कमलनाथ ने इन सीटों पर फोकस करने की जिम्मेदारी पूर्व मंत्रियों को सौंपी है। कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व मंत्री तरुण भनोट, सज्जन सिंह वर्मा, कमलेश्वर पटेल, उमंग सिंगार सहित कुछ और पूर्व कई अन्य मंत्रियों को इन 24 सीटों पर तैनात किया जाएगा। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के जरिए प्रदेश में अपना चुनाव शंखनाद करने जा रही कांग्रेस दिसंबर के दूसरे सप्ताह से इन सीटों पर अपने बड़े नेताओं को जिम्मेदारी देकर चुनावी मैदान में उतारेगी।