मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के ग्रामीण इलाकों में कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण के हालात अब धीरे-धीरे सुधर रहे हैं। पिछले दिनों टाइफाइड, बुखार, खांसी आदि के मरीज बड़ी संख्या में देखने को मिलने थे। जिले में ऑक्सीजन और बेड की समस्या देखने को मिली थी, जिसके चलते मरीजों को अन्य शहरों में भी रैफर करना पड़ा। कस्बों के साथ गांवों में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में हैं।
गुर्जर ने कहा कि शाजापुर जिले के लालूपुरा, झोंकर, पलसावद सोन, सिरोलिया, कपालिया, सामगीबोर्डी, खोखरिया, हनोती आदि गांवों में टाइफाइड, पीलिया, निमोनिया के काफी मामले आए थे। सरकार की तरफ से जो मदद मिलनी चाहिए थी, नहीं मिली। ज्यादातर ग्रामीण झोला छाप डॉक्टरों के भरोसे रहे। वे कहते हैं कि विधायक हुकुम सिंह कराड़ा की सक्रियता से लोगों को काफी फायदा मिले। उन्होंने लोगों को ऑक्सीजन से लेकर बेड उपलब्ध करवाने में काफी सहयोग किया।
पेशे से फोटोग्राफर रुल्की गांव के सुनील यादव ने बताया कि गांव में कोरोना के 4-5 केस आए, जो कि रिकवर भी हो चुके हैं। इसके साथ ही टाइफाइड और निमोनिया के केस लगभग हर घर में देखने में आए। हालांकि अब लोग बेरछा जाकर कोरोना की जांच की करवा रहे हैं। रिपोर्ट 2-4 दिन में आती है। पिछले दिनों 15-16 बुजुर्गों की मौत भी हुई थी। अभी स्थितियां नियंत्रण में हैं।
डॉ. शर्मा ने बताया कि जब पिछले दिनों जब बुखार और टाइफाइड मामले बढ़े तो उन्होंने अपना क्लीनिक 5-6 दिन के लिए बंद कर दिया था ताकि लोग संपर्क में न आए और संक्रमण की चेन टूट सके। जरूरत पड़ने पर मरीजों को जिला अस्पताल शाजापुर भी रैफर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेरछा के लिए कोविड सेंटर की भी मांग की गई थी, लेकिन फिलहाल मांग पूरी नहीं हो पाई।