सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि देश में लंबे समय तक दलित समुदाय को भक्तिमार्ग से दूर रखा गया। इस कार्यक्रम से उन्हें भक्तिमार्ग की मुख्यधारा से मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में न सिर्फ दलित बल्कि अन्य सभी समाज के संत, महामंडलेश्वर और शंकराचार्य भी सहर्ष सम्मिलित हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने इस कार्यक्रम को कोई नाम नहीं दिया था वरन मीडिया ने ही इसे सामाजिक समरसता स्नान आदि नाम दिए हैं।
भाजपा अध्यक्ष के इस कार्यक्रम को मुख्य रामघाट पर नहीं करने को लेकर अटकलों पर सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य जयंती होने के कारण रामघाट पर भीड है, इसलिए स्नान वाल्मिकी घाट पर होगा। बाद में शाह रामघाट पर क्षिप्रा नदी की आरती करेंगे।
शाह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभी 13 अखाडों की अखाडापरिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि, सचिव हरि गिरि, वाल्मिकी धाम के प्रमुख बालयोगी उमेश नाथ, स्वामी सत्यमित्रा नंदजी आदि संतों के एक समागम को भी संबोधित करेंगे।(वार्ता)