उन्होंने कहा कि वे हर हालत में चुनाव लड़ेंगे और यह लड़ाई वे कलावती भूरिया के सम्मान में लड़ रहे हैं। शुक्रवार सुबह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जब यह संकेत दे रहे थे कि दीपक मान गए हैं और वे नामांकन दाखिल नहीं करेंगे तभी दीपक अपने कुछ साथियों के साथ तहसील कार्यालय पहुंचे और उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया।