RTO के पूर्व करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा केस की CBI जांच कराने की मांग, विधानसभा में कांग्रेस का हंगामा

भोपाल ब्यूरो

गुरुवार, 20 मार्च 2025 (15:14 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में गुरुवार को परिवहन विभाग के पूर्व करोड़पति कॉस्टेबल सौरभ शर्मा को लेकर जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने पूरे मामले की जांच सुप्रीमकोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने परिवहन विभाग को  लेकर ध्याकर्षण पर चर्चा करते हुए सरकार को जमकर घेरा। इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने जमकर नारेबाजी की और सदन में जमकर हंगामा किया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायक पहले आसंदी  के पास पहुंचकर जमकर नारेबाजी की फिर सदन की कार्यवाही का वॉकआउट किया।

विधानसभा में शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने ध्यानाकर्षण के जरिए परिवहन विभाग के चेक पोस्ट और चेक नाकों में अवैध वसूली का मुद्दा उठाया। इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सौरभ शर्मा केस की जांच में हीलावली का आरोपी लगाते हुए कहा कि  सरकार जानबूझकर आरोपियों को बचा रही है। उन्होंने कहा कि भोपाल के मेंडोरी में सोने से भरी कार और 10 करोड़ कैश मिला लेकिन यह किसका है, यह अब तक नहीं पता चला। जबकि फॉर्म हाउस किसका है और गाड़ी किसकी है यह सब पता है। नेता प्रतिपक्ष ने सौरभ शर्मा और चैतन के डायरी बरामद होने का भी दावा किया जिसमें पूरे घोटाले में शामिल लोगों के नाम लिखे हुए थे। वहीं उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने सौरभ शर्मा की नियुक्ति में तत्कालीन परिवहन मंत्री की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी ही नोट शीट पर सौरभ शर्मा को नियुक्ति दी गई।

नेता प्रतिक्ष उमंग सिंघार ने कहा अभी भी वसूली हो रही है. तात्कालीन ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हटा दिया गया, क्या इससे भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा? क्या ग्वालियर के परिवहन अधिकारी पर FIR हुई ? उस समय के ACS पर कार्रवाई हुई, नहीं हुई. लोकायुक्त ने कहा उसे सोने से भरी गाड़ी और पैसे नहीं मिले, IT आकर कार्रवाई करती है. गाड़ी किसकी है यह पता है, गाड़ी के कागज भी हैं लेकिन सोना किसका है? यह नहीं पता अब तक के परिवहन मंत्री और उनके स्टाफ की जांच क्यों नही हुई? उनके CDR क्यों चेक नहीं हुए हैं।

वहीं सरकार की तरफ से परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप ने कहा कि सौरभ शर्मा ने अनुकंपा नियुक्ति के शपथ पत्र में यह जानकारी नहीं दी थी कि उनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में पहले से है, जब सरकार ने फिर से शपथ पत्र की जांच की तो उसमें गडबड़ी पाई गई, जिसके आधार पर विभाग ने पुलिस को कार्रवाई के लिए लिखा गया है। वहीं प्रदेश में टोल नाकों पर अवैध वसूली के कांग्रेस के आरोप पर मंत्री ने कहा कि 1 जुलाई से सभी परिवहन चेक पोस्ट बंद किये जा चुके हैं. फिलहाल चेकिंग पॉइंट संचालित किए जाने का कोई स्थान निर्धारित नहीं है, आकस्मिक चेकिंग कर चालानी कार्रवाई की जा रही है, इसलिए अवैध वसूली की बात गलत है।

 

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