सत्ता पक्ष के एक विधायक से बजट पर बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने 2 हजार करोड़ रुपए उज्जैन सिंहस्थ के लिए रखे हैं, उज्जैन उन पर अभिमान करता है। इस दौरान उज्जैन सिंहस्थ में भूमि अधिग्रहण को लेकर भी सवाल उठे तो सत्ता पक्ष से उज्जैन – उत्तर के विधायक अनिल जैन कालूखेड़ा ने सरकार का पक्ष रखते हुए प्रदेश के विकास और सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विचारों को उच्च शिखर पर ले जाने की बात कही।
धार्मिक स्थल बनाने के निर्णय का स्वागत करता हूं -अनिल जैन कालूखेड़ा ने कहा कि उज्जैन में जिस विधान सभा से मैं आता हूँ, उसी विधानसभा में श्रीकृष्ण भगवान का सांदीपनी आश्रम है, वहां आश्रम में रहकर के उन्होंने 64 दिनों तक 64 कलाओं का अध्ययन किया और 64 लीलाएं कीं। उसके साथ-साथ उन्हें जाना पड़ा, धार के अंदर अमजेरा और उज्जैन के पास ही नारायणा, ऐसे चार स्थानों पर बड़े धार्मिक स्थल बनाने का जो सरकार ने निर्णय किया है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी को धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।
सबकी सहभागिता सुनिश्चित-उन्होंने कहा कि हाल ही प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट उच्च मानदण्डों पर स्थापित करने वाला है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने जो 4 लाख 21 हजार करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया है। वह समाज की, देश की और प्रदेश की सबमें कहीं न कहीं सहभागिता निश्चित करता है। इस प्रदेश की दशा और दिशा बदलने के साथ-साथ यह बजट इस प्रदेश को सभी क्षेत्रों में उन्नति के शिखर पर ले जाएगा।
कांग्रेस ने श्री राम के अस्तित्व को नकारा-इसी दौरान अनिल जैन कालू खेड़ा ने विपक्ष के विधायकों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने भगवान श्रीराम के अस्तित्व को ही नकारने का प्रयास किया था, लेकिन हमारी सरकार सनानत संस्कृति और विचारों के प्रवाह को सतत बनाए रखने का काम कर रही है। श्रीराम पथ गमन भी उसी संकल्पबद्धता का हिस्सा है।