मंदिर के प्रशासक मूलचन्द जुनवाल ने बताया कि शनिवार सुबह 4 बजे मंदिर के गर्भगृह के कपाट खुलने के बाद कम से कम 686 श्रद्धालुओं ने 2 घंटे तक चली भस्म आरती के अनुष्ठान में हिस्सा लिया। देशभर से बड़ी तादाद में भक्त इस आरती में शामिल होने आते हैं लेकिन पिछले साल मार्च में कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए इस आरती में भक्तों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई थी।
अधिकारी ने बताया कि पिछले 17 महीनों से बिना श्रद्धालुओं के मंदिर में केवल पुजारी ही भस्म आरती कर रहे थे। मंदिर प्रशासन के अनुसार भस्म आरती के लिए 1,000 भक्तों को शामिल होने की अनुमति होगी। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर मंदिर की वेबसाइट से 'पास' प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा 'पास' मंदिर में बनाए गए एक कियोस्क से भी प्राप्त किया जा सकता है।(भाषा)