Dhirendra Shastri news in hindi : शारदीय नवरात्रि में होने वाली गरबा पंडालों में गैर-हिंदुओं की एंट्री पर बवाल मचा हुआ है। इस बीच बाबा बागेश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी छतरपुर के लवकुशनगर में कहा कि जब हम मुस्लिमों की हज यात्रा में नहीं जाते हैं तो उनको भी हमारे मां दुर्गा की आराधना करने के लिए गरबा फेस्टिवल में नही आना चाहिए। उन्होंने गरबा पंडालों के गेट पर गौमूत्र रखने की भी सलाह दी।
मां बम्बर बैनी माता के दर्शन के लिए आए बाबा बागेश्वर ने गरबा संचालकों से मांग की है कि उन्हें गरबा फेस्टिवल में एंट्री गेट पर गौमूत्र रखना चाहिए। अंदर आने वाले लोगों पर इसका छिड़काव किया जाना चाहिए। इससे अन्य धर्मों के लोग गरबा महोत्सव में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
शास्त्री ने कहा कि यह उपाय लव जिहाद जैसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर कुछ लोगों को लगता है कि उनके माता-पिता ने हिंदू धर्म के अलावा किसी दूसरे धर्म को अपनाकर गलती की है और वो हिंदू बनना चाहते हैं तो ऐसा कर सकते हैं क्योंकि ''सभी का DNA हिंदू है।''
गौरतलब है कि बाबा बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री छतरपुर जिले के राजनगर के लवकुशनगर में के दर्शन के लिए पहुंचे थे, जब उन्होंने यह बयान दिया। वहीं अब उनके इस बयान की काफी चर्चा हो रही है और उनके बयान का वीडियो भी सामने आया है।
चर्चा में 4 और बयान : इससे पहले विश्व हिन्दू परिषद ने भी एक बयान में कहा था कि 'गरबा' कार्यक्रमों में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाना चाहिए और आयोजकों को सलाह दी थी कि वे "लव जिहाद" की घटनाओं से बचने के लिए पहचान के उद्देश्य से प्रवेशकर्ताओं का आधार कार्ड देखें। गरबा के दौरान गैर-हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित होना चाहिए। गरबा पूजा का ही एक तरीका है। यह केवल नृत्य कार्यक्रम या सांस्कृतिक आयोजन नहीं है।
मध्यप्रदेश की महू विधानसभा सीट से भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने कहा अक अल्पसंख्यक समुदाय के सभी लोग यदि अपने परिवार की चार-पांच पीढ़ी देखें तो वे जानेंगे कि सभी पहले सनातनी रहे हैं। यदि उन्हें फिर भी गरबा पंडाल में प्रवेश करना है तो वह फिर से सनातन धर्म में लौट कर जनेऊ धारण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो लड़कियां गरबा करने जाती हैं, वह अकेली नहीं जाएं बल्कि अपनी मां, बहन या पिता के साथ ही गरबा पंडाल में गरबा करने जाएं। गरबा आयोजकों को भी इस मामले में सतर्क रहना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने विहिप के उस परामर्श की आलोचना की जिसमें कहा गया था कि नवरात्र के दौरान गरबा कार्यक्रमों में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाना चाहिए। मोदी सरकार में मंत्री आठवले ने कहा कि इस तरह के आह्वान हिंसा को न्योता देने के समान हैं। ALSO READ: गरबा पर विहिप के फरमान से क्यों नाराज हैं मोदी के मंत्री आठवले?
अगर इस सलाह के कारण नवरात्र के दौरान देश में कहीं भी कोई झड़प, हमला या धार्मिक संघर्ष होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी विहिप और उससे जुड़े संगठनों की होगी। इस तरह के कदम भारत की एकता, विविधता और धार्मिक सहिष्णुता के मूल पर प्रहार करते हैं। नवरात्रि पूजा और आनंद का त्योहार है और इसे नफरत और संदेह के मंच में बदलने का प्रयास किया जा रहा है, जो बेहद निंदनीय है।