अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मनोज कुमार राय ने कहा कि दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) के परिवहन अधिकारी चैतन्य कुमावत, स्थानीय फर्म सुविधा ऑटो गैस के संचालक नीरज अग्निहोत्री और इस फर्म के कर्मचारी जलज मेश्राम को भारतीय दंड विधान की धारा 304 के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया है।
राय ने जांच के हवाले से बताया कि फिलहाल अग्निहोत्री की निजी फर्म स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर लगाने के लिये परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत नहीं है। इसके बावजूद फर्म संचालक ने कुछ रकम लेकर डीपीएस की बस में स्पीड गवर्नर लगाने का फर्जी प्रमाण पत्र कथित तौर पर बगैर किसी जांच-पड़ताल के जारी कर दिया। इस प्रमाण पत्र के आधार पर परिवहन विभाग ने निजी स्कूल की बस को फिटनेस प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस को मामले की जांच में पता चला है कि हादसे के वक्त स्कूल बस 60 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा की रफ्तार से दौड़ रही थी, जबकि परिवहन विभाग के नियमों के मुताबिक इस वाहन में स्पीड गवर्नर लगने के बाद उसकी गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा नहीं होनी चाहिये थी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच जारी है और तीनों आरोपियों पर जालसाजी तथा अन्य अन्य सम्बद्ध आरोपों को लेकर कानूनी धाराएं बढ़ायी जायेंगी। कनाड़िया क्षेत्र के बायपास रोड पर पांच जनवरी की शाम डीपीएस की तेज रफ्तार बस इस कदर अनियंत्रित हो गयी कि वह डिवाइडर फांदकर समानांतर लेन में जा घुसी और सामने से आ रहे ट्रक से भिड़ गयी थी।