ईओडब्ल्यू के जांच अधिकारी ऑस्मो सॉफ्टवेयर कंपनी के भोपाल स्थित दफ्तर पर पहुंचकर रिकॉर्ड की जांच की, वहीं एफआईआर की कार्रवाई के बाद अब तत्कालीन बीजेपी सरकार के कई प्रभावशील मंत्री भी जांच के घेरे में आ सकते हैं। पूरे मामले में ईओडब्ल्यू ने जिन पांच विभागों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उन विभागों के मंत्री रहे भाजपा के बड़े नेताओं से भी पूछताछ हो सकती है।
ईओडब्ल्यू ने बुधवार को जल निगम, सड़क विकास निगम, पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन विभाग के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इन विभागों में मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा, रामपालसिंह और कुसुम मेहदले से ई-टेंडर घोटाले में पूछताछ की जा सकती है। इसके साथ ही जांच टीम इन विभागों के अधिकारियों से पूछताछ की तैयारी में है।
बीजेपी सरकार में जल संसाधन मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उनकी सरकार के समय ही टेंडर में गड़बड़ी को पकड़ लिया था और सभी टेंडरों को निरस्त कर दिया था। जब घोटाला हुआ ही नहीं तो जांच किस बात की। वहीं, इस पूरे मामले में गई कार्रवाई को कांग्रेस बदले की भावना से कार्रवाई न बताकर ईओडब्ल्यू की सामान्य कार्रवाई बता रही है।