संगठन के संचालक और सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया, इशारों की जुबान में गीता से कई दौर की बातचीत के दौरान हमें उसके मूल निवास स्थान की भौगोलिक पृष्ठभूमि के बारे में कुछ अहम संकेत मिले हैं। ये संकेत महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले और इससे सटे तेलंगाना की ओर इशारा करते हैं।
उन्होंने बताया, हम गीता को अपने साथ नांदेड़ जिले और तेलंगाना के इलाकों में जल्द ही ले जाएंगे, ताकि उसके दो दशक पहले बिछड़े परिवार को खोजा जा सके।पुरोहित ने बताया, गीता से मिले संकेतों के आधार पर हमें लगता है कि उसका बिछड़ा परिवार तेलुगुभाषी हो सकता है। इसलिए उसके परिवार की खोज के लिए सोशल मीडिया पर तेलुगु में भी संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि तेलंगाना से भौगालिक नजदीकी के कारण महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में भी कई लोग तेलुगु भाषा बोलते हैं। अधिकारियों के मुताबिक, अब तक देश के अलग-अलग इलाकों के 10 से ज्यादा परिवार गीता को अपनी लापता बेटी बता चुके हैं, लेकिन सरकार की जांच में इनमें से किसी भी परिवार का मूक-बधिर लड़की पर दावा साबित नहीं हो सका है।