साधु-संतों के 13 अखाड़ों की शीर्ष संस्था अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्रगिरि ने सोमवार को कहा कि जो अज्ञानी राजनेता बजरंग बली की जाति-धर्म को लेकर अनुचित बयानबाजी कर रहे हैं, वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। उन्हें अपने दिमाग का इलाज कराना चाहिए, क्योंकि हनुमान भगवान शंकर के रुद्रावतार हैं। भगवान को जातियों में नहीं बांटा जा सकता। उचित होगा कि अब इस सिलसिले में सियासी बयानबाजी बंद कर दी जाए।
कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि भगवान हनुमान पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर योगी आदित्यनाथ ने हद पार कर दी है। उन्हें बजरंग बली के साथ सनातन हिन्दू धर्म के मतावलंबियों से भी माफी मांगनी चाहिए, वरना हम उनके विरुद्ध अदालत की शरण में जाएंगे। संत समुदाय उनके खिलाफ आंदोलन और अनशन करेगा, सो अलग।
तीसरे लिंग के साधु-संतों के किन्नर अखाड़े की प्रमुख लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने भी बजरंग बली की जाति-धर्म को लेकर सियासी बयानबाजी पर नाराजगी जताई है। त्रिपाठी ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक बात है कि राजनेता अपनी दुकान चलाने के लिए बजरंग बली पर लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। देवी-देवताओं को राजनीति से परे रखा जाना चाहिए, क्योंकि ईश्वर के अवतारों की कोई जाति नहीं होती।
गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश में भाजपा के विधान परिषद सदस्य बुक्कल नवाब हनुमान को कथित रूप से मुसलमान करार दे चुके हैं, तो इसी सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार के काबिना मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने बजरंग बली को कथित तौर पर जाट बताया है।