उन्होंने बताया, हमारे तलाशी अभियान के दौरान पाया गया कि इस कैफे में ग्राहकों को हुक्का पिलाया जा रहा है। इस पर दोनों कैफे संचालकों को बाकायदा चेतावनी भी दी गई। लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर अपने ग्राहकों को हुक्का पिलाना जारी रखा।
जिला प्रशासन ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत हुक्का बारों और शीशा लाउंजों के संचालन पर मई 2011 से रोक लगा रखी है। यह कदम स्वास्थ्य विभाग की उस जांच रिपोर्ट के आधार पर उठाया गया है, जिसमें इन केंद्रों से युवाओं की सेहत और शहर के माहौल पर बुरे असर की पुष्टि हुई थी।