मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि लिफ्ट के गिर जाने की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सुरक्षा में बड़ी लापरवाही व चूक है। इसकी जांच हो और अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई होना चाहिए। अस्पताल का निर्माण अभी-अभी हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित सभी नेता सुरक्षित हैं। लिफ्ट में उनके साथ पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विधायक विशाल पटेल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल व उनके सुरक्षाकर्मी सवार थे।
मजिस्ट्रियल जांच के आदेश : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने डीएनएस हॉस्पिटल में लिफ़्ट दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। कलेक्टर द्वारा एडीएम मुख्यालय हिमांशु चंद्र को जांच के लिए आदेशित किया गया है। कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री चौहान भी मंत्रालय की लिफ्ट में फंस गए थे। तब 2 लोगों को सस्पेंड किया गया था।
अस्पताल ने लिफ्ट गिरने से किया इंकार : उधर, डीएनएस हॉस्पिटल के एक अधिकारी ने लिफ्ट गिरने की बात से इनकार करते हुए कहा कि क्षमता से ज्यादा लोगों के सवार होने से यह ऊपर जाने के बजाय अचानक नीचे की ओर जाकर बेसमेंट में पहुंच गई।
उन्होंने कहा कि लिफ्ट के नीचे की तरफ जाने के बाद लिफ्टमैन इसे बेसमेंट में ले गया और इसमें सवार कमलनाथ तथा अन्य लोगों को बाहर निकाला। ये लोग बेसमेंट से सीढ़ियां चढ़कर अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर पहुंचे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामेश्वर पटेल के हाल-चाल जानने के बाद दूसरी लिफ्ट से नीचे उतरकर अगले पड़ाव की ओर रवाना हुए।