शाजापुर। मध्यप्रदेश जल संसाधन मंत्री हुकुमसिंह कराड़ा ने बड़ा खुलासा किया है। नीमच-मंदसौर जिले में सितंबर में हुई भीषण बारिश के दौरान गांधीसागर डेम के गेट खोलने को लेकर उन्होंने कहा कि यदि सही समय पर इसके गेट नहीं खोले जाते तो यह फूट सकता था और इसका पानी राजस्थान के रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र में पानी घुस जाता। इससे चेर्नोबिल जैसा परमाणु हादसा हो सकता था।
कराड़ा ने यह भी कहा कि लगातार डेम में पानी आने की स्थिति को लेकर लोकसभा स्पीकर और कोटा के सांसद ओम बिड़ला, पीएमओ से लेकर मप्र व राजस्थान सरकारों की सांसें फूल गई थीं। बड़े हादसे की आशंका को देखते हुए तुरंत बांध के गेट खोलकर पानी को भी भिंड-मुरैना की तरफ मोड़ दिया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि बिना बारिश के ही वहां के 3 जिलों को बाढ़ जैसी हालातों का सामना करना पड़ा और कई मकान पानी में लबालब हो गए।
रूस में गई थीं 4,000 लोगों की जान : 1986 में रूस में हुए हादसे में 4,000 लोगों की मौत हो गई थी। इससे 40,000 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए थे। इतने वर्षों बाद भी लोग रेडिएशन का शिकार हो रहे हैं।