नियाज खान ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि “तीन तलाक़ पर क़ानून बनाकर माननीय प्रधानमंत्री ने मुस्लिम महिलाओं को वह तोहफ़ा दिया है जो उन्हें हज़ारों सालों में नहीं मिलता।इसलिए मुस्लिम महिलाओं को प्रधानमंत्री का ये उपकार नहीं भूलना चाहिए।तीन तलाक़ से महिलाओं की लोहे की जंजीरें काटी गई हैं। यह कानून ख़त्म नहीं होगा अब”।
अपने बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाले नियाज खान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में किया गया यह पहला ट्वीटहै। निजय खान ने इससे उस वक्त काफी सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को विवादित पोस्ट की थी। नियाज खान ने लिखा था कि “मुसलमानों के नरसंहार को दिखाने के लिए एक किताब लिखने की सोच रहा था ताकि द कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म कुछ प्रोड्यूसर्स द्वारा बनाई जाए, ताकि अल्पसंख्यकों के दर्द और पीड़ा को भारतीयों के सामने लाया जा सके। इसको लेकर उस वक्त सरकार ने नियाज खान से जवाब भी तलब किया।
विवादों से है पुराना नाता- IAS अफसर नियाज खान 2019 में खान सरनेम के कारण खूब विवादों में थे। उन्होंने अपना मुस्लिम नाम छिपाने के लिए अपना नाम बदलने की बात कही थी। तब उन्होंने कहा था कि मैं अपनी पहचान छिपाना चाहता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि नया नाम मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं से बचा सकता है। मैं कुर्ता-टोपी नहीं पहनता और दाढ़ी भी नहीं रखता हूं तो मैं हिंसक भीड़ से नकली नाम के सहारे बचा सकता हूं। खान सरनेम मेरा भूत की तरह पीछा कर रहा है।
डॉन अबू सलेम के साथ जेल में रहने की जताई थी इच्छा- इसके साथ नियाज खान ने सरकारी नौकरी में रहते हुए माफिया डॉन अबू सलेम के साथ जेल में रहने की इच्छा भी जता चुके है। उन्होंने अबू सलेम के जीवन पर लव डिमांड्स ब्लड नाम की किताब में कई रोचक किस्से हैं। नियाज खान ने 2017 में इसी नॉवेल के लिए कहा था कि अबू सलेम मेरी किताब का मुख्य किरदार हैं। उन्होंने सलेम के साथ एक महीना जेल में गुजारने की अर्जी सरकार को दी थी। इसके पीछे उन्होंने दलील दी थी कि मैं उन्हें समझना चाहता हूं। सरकार से अबू सलेम को मंजूरी नहीं मिली थी। उस समय नियाज खान गुना जिले में एडीएम थे।