इंदौर (मध्यप्रदेश)। देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में आमतौर पर गणित और विज्ञान की पढ़ाई अंग्रेजी में होती है लेकिन जरा उस कक्षा की कल्पना कीजिए जिसमें इन तकनीकी विषयों के प्राचीन पाठ संस्कृत में पढ़ाए जा रहे हों और शिक्षक से लेकर विद्यार्थी तक इसी भाषा में संवाद कर रहे हों। इंदौर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने इस कल्पना को साकार कर दिया है।
अधिकारी ने बताया कि इस पाठ्यक्रम में दुनियाभर के 750 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। आईआईटी इंदौर के कार्यवाहक निदेशक प्रो. नीलेश कुमार जैन ने बताया कि मूलतः संस्कृत में रचे गए भारत के प्राचीन ग्रंथों में गणित और विज्ञान के ज्ञान की समृद्ध विरासत है। लेकिन मौजूदा पीढ़ी के कई लोग अपने इस सुनहरे अतीत से अनभिज्ञ हैं। उन्हें अतीत के इस ज्ञान से संस्कृत भाषा के माहौल में ही परिचित कराने के लिए हमने यह पाठ्यक्रम शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति में भी भारतीय भाषाओं में अध्ययन को बढ़ावा देने की बात कही गई है। हमारा यह पाठ्यक्रम संस्कृत में गणित और विज्ञान के विषयों के अध्ययन-अध्यापन के साथ ही अनुसंधान और नवाचारों के लिए प्रतिभागियों को प्रेरित करेगा। आईआईटी के एक अधिकारी ने बताया कि इस पाठ्यक्रम को 2भागों में विभाजित किया गया है। पाठ्यक्रम के पहले भाग में संस्कृत भारती संगठन के भाषायी जानकारों की मदद से उन प्रतिभागियों में संस्कृत समझने को लेकर कौशल और आत्मविश्वास विकसित किया जाएगा, जो देश की इस पुरातन जुबान से अच्छी तरह वाकिफ नहीं हैं।