आईआईटी दिल्ली द्वारा निर्मित किट की गुणवत्ता को देखते हुए आईसीएमआर ने भी इसे अपनी स्वीकृति दे दी है। मात्र 650 रुपए कोरोना की जांच करने वाली यह किट आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर पेरूमल, प्रोफेसर कुंडू, प्रोफेसर मेनन, डॉ. प्रशांत, प्रोफेसर जे. गोम्स, डॉक्टर अखिलेश, डॉक्टर आशुतोष और डॉक्टर सोनम की टीम द्वारा शोध करने के बाद बनाई गई है। बुधवार को आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी. रामगोपाल राव और उनकी टीम ने कोरोना की यह किट केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की उपस्थिति में सार्वजनिक किया।
केंद्रीय मंत्री पोखरियाल ने कहा कि 650 रुपए में कोरोना की जांच करने वाली दिल्ली आईआईटी की यह किट मात्र 3 घंटे में जांच रिपोर्ट दे देगी। इस किट के आने से कोरोना जांच की क्षमता, गुणवत्ता और विश्वसनीयता बढ़ी है। आईसीएमआर ने भी दिल्ली आईआईटी की इस किट पर उत्कृष्टता का ठप्पा लगाया है।
आईआईटी दिल्ली द्वारा बनाई गई कोरोना जांच किट के जल्द ही खुले बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसके लिए आईआईटी दिल्ली ने न्यूटेक मेडिकल डिवाइस नाम की एक कंपनी के साथ साझेदारी की है। इस कंपनी की मदद से बड़े स्तर पर कोरोना जांच किट का निर्माण और मार्केटिंग की जाएगी। इस कोरोना जांच किट में आरटी पीसीआर किट की कीमत सिर्फ 399 रुपए है, बाकी लगभग 250 अन्य प्रक्रियाओं और सहयोगी उपकरणों के लिए लिए जाएंगे।
आईआईटी दिल्ली के मुताबिक कई सरकारी अस्पतालों में यह किट मुफ्त में दी जाएगी ताकि वहां आने वाले रोगियों की जांच मुफ्त में की जा सके। इस कोरोना जांच किट को बाजार में लाने से पहले कई प्रकार के ठोस परीक्षण किए गए हैं। इन सभी परीक्षणों में यह कोरोना की जांच के लिए खरी उतरी है। इसके नतीजे 100 प्रतिशत सही पाए गए हैं। ऐसे में अब कोरोना जांच सस्ती होने के साथ-साथ अधिक विश्वसनीय और गुणवत्ता पूर्ण तरीके से की जा सकेगी।
गौरतलब है कि शुरुआती दौर में कोरोना जांच की फीस के लिए 5,000 रुपए तक वसूले जा रहे थे। हालांकि बाद में इसकी कीमत आधी कर दी गई। अब आईआईटी दिल्ली द्वारा बनाई गई कोरोना जांच किट अभी वसूली जा रही कीमतों के मुकाबले एक चौथाई कीमत पर उपलब्ध होगी।