अधिकारियों ने बताया कि आईएमसी की गाड़ियों द्वारा शहर में सूखे कचरे के संग्रहण की मात्रा दिनोदिन कम हो रही है, क्योंकि 'जीरो वेस्ट' (शून्य अपशिष्ट) वॉर्ड बनाकर आम नागरिकों को घरेलू स्तर पर इसके सुरक्षित निपटान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लगभग 8,500 सफाईकर्मी 3 पालियों में सुबह 6 बजे से तड़के 4 बजे तक लगातार काम करते हुए शहर को चकाचक रखते हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के वर्ष 2017, 2018, 2019 और 2020 के स्वच्छता सर्वेक्षणों के दौरान भी इंदौर देशभर में अव्वल रहा था। वर्ष 2021 के सर्वेक्षण में यह खिताब कायम रखने के लिए आईएमसी ने 'इंदौर लगाएगा स्वच्छता का पंच' का नारा दिया था।