उन्होंने बताया कि यह संयंत्र एक निजी कम्पनी के निवेश से स्थापित किया गया है और इसमें आईएमसी के खजाने से कोई पूंजी नहीं लगाई गई है, बल्कि इसे गीला कचरा मुहैया कराने के बदले निजी कम्पनी की ओर से शहरी निकाय को हर साल 1.5 करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रीमियम प्रदान किया जाएगा।
मोटे अनुमान के मुताबिक कोई 35 लाख की आबादी वाले इंदौर में हर रोज तकरीबन 1,200 टन कचरे का अलग-अलग तरीकों से सुरक्षित निपटारा किया जाता है, जिसमें 600 टन गीला कचरा और 600 टन सूखा कचरा शामिल है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के वर्ष 2017, 2018, 2019 और 2020 के स्वच्छता सर्वेक्षणों के दौरान इंदौर देश भर में अव्वल रहा था।