मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर आयकर छापे के चुनावी कनेक्शन की पड़ताल

लोकसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। आयकर विभाग ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ और करीबी राजेंद्र मिगलानी सहित कई लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था।
 
भोपाल, इंदौर, दिल्‍ली, नोएडा और गोवा में आयकर विभाग की इस बड़ी कार्रवाई में अब तक करोड़ों रुपए नकद बरामद किए जा चुके हैं। आयकर विभाग ने जिन प्रवीण कक्कड़ और आरके मिगलानी को अपने निशाने पर लिया है, उनकी हर चुनाव में कांग्रेस की तरफ से अहम भूमिका रही है।
मुख्यमंत्री के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़ को चुनाव मैनेजमेंट का महारथी माना जाता है और पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने में उनकी अहम भूमिका थी। इसके अलावा कक्कड़ पार्टी के फंड मैनेजर की भूमिका भी निभाते हैं। कहा जाता है कि चुनाव में फंड मैनेज करने में कक्कड़ का अहम रोल होता है।
 
सूत्र बताते हैं कि इस बार भी लोकसभा चुनाव में प्रवीण कक्कड़ पार्टी की तरफ से फंड मैनेजर की भूमिका निभा रहे थे। आयकर विभाग ने सीधे प्रवीण कक्कड़ और उनसे जुड़े लोगों के यहां से बड़ी मात्रा में नकदी भी बरामद की है, जिसका लोकसभा चुनाव में उपयोग होने की बात कही जा रही है।
 
वहीं आयकर विभाग के निशाने पर आए आरके मिगलानी की गिनती मुख्यमंत्री कमलनाथ के सबसे नजदीकी लोगों में होती है। पिछले कई दशक से कमलनाथ के साथ रहने वाले मिगलानी पर मुख्यमंत्री सबसे अधिक भरोसा करते हैं। सूत्र बताते हैं कि चुनाव में प्रत्याशी चयन से लेकर चुनावी रणनीति बनाने में मिगलानी की बहुत अहम भूमिका होती है। शायद यही कारण है कि आयकर के इस छापे के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित पूरी कांग्रेस इसे चुनावी छापा बताते हुए मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है।
 
आयकर छापे पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि चुनाव में हार होती देख अब बीजेपी ने चुनावी लाभ लेने के लिए ये कार्रवाई की है। कमलनाथ ने इसे चुनावी हथकंडा बताते हुए कहा कि कांग्रेस इनसे डरने वाली नहीं है और चुनाव में जनता बीजेपी को सबक सिखाएगी। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसे राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताते हुए कहा कि पहले चंद्रबाबू नायडू और कुमारस्वामी को परेशान किया गया और अब कमलनाथ सरकार को परेशान किया जा रहा है।
 
दिग्विजय ने सवाल किया कि चुनावी रैली में जो करोड़ों का खर्च होता है, क्या उसका पेमेंट चेक से करते हैं। सूबे के गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि छापे से सरकार और कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता।
 
दूसरी ओर बीजेपी ने भी बिना कोई मौका गंवाए छापे में बरामद रकम को सीधे कांग्रेस से जोड़ दिया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधे मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग कर डाली।
 
चुनाव में कैश का खेल पुराना : चुनाव के समय कैश के खुलेआम खेल की कहानी कोई नई बात नहीं है। चुनाव के दौरान चुनाव आयोग की सख्ती के बाद भी करोड़ों की नकदी बरामद होना आम बात है। प्रत्याशी भी आयोग की नजर से बचते हुए पैसे का इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए बड़ी मात्रा में नकदी की जरूरत पड़ती है, जिसका इंतजाम राजनीतिक दल के समर्थक अपने स्तर पर करते हैं। 
 
चुनाव के समय नकदी के ज्यादा इस्तेमाल होने की आंशका पर आयकर विभाग भी अपनी नजर रखता है और कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश में आयकर विभाग की कार्रवाई इसी का हिस्सा है। वहीं अब आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई के बाद चुनाव आयोग भी सतर्क हो गया है। चुनाव आयोग ने आयकर विभाग से इस हाई प्रोफाइल छापे का पूरी रिपोर्ट तलब की है।

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