पुलिस अधिकारियों ने माना की आरोपी शाहबाज 10 अप्रैल को जेल में था, लेकिन उसके अवैध मकान तोड़ने को सही ठहराते हुए दावा किया कि वह इलाके का एक घोषित अपराधी है। महिला सकीना ने कहा कि रामनवमी पर जब बड़वानी जिले के सेंधवा में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी तब उसका बेटा जेल में था।
महिला ने पत्रकारों से कहा कि दंगे के संबंध में प्राथमिकी में उसके नाम का उल्लेख गलती से किया गया था, लेकिन फिर भी स्थानीय अधिकारियों ने हिंसा में शामिल लोगों के अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जोगवाड़ा रोड पर उनके मकान को भी ध्वस्त कर दिया।
हालांकि, शुक्ला ने शाहबाज का मकान तोड़े जाने को यह कहते हुए जायज ठहराया कि यह अवैध रूप से बनाया गया था। इसके अलावा, शाहबाज के खिलाफ हाल ही में रासुका के तहत कार्रवाई का प्रस्ताव किया गया था और इस संबंध में आदेश भी जारी किया गया है।