भोपाल। एमपी अजब है तो यहां की सियासत सबसे गजब है। सियासत के इसी गजब खेल ने मध्यप्रदेश में 100 दिन पहले देखते ही देखते विपक्षी पार्टी का सत्ता में आने और सत्ता में काबिज होने वाली पार्टी का विपक्ष में पहुंच जाने का सियासी इतिहास लिख दिया था।
20 मार्च को कमलनाथ के इस्तीफे के बाद 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 30 जून को अपने कार्यकाल का पहला 100 दिन पूरा करने जा रहे हैं। भले ही भाजपा सरकार 100 दिन पूरा करने जा रही हो लेकिन अब तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने पूरे मंत्रिमंडल का गठन भी नहीं कर पाए हैं।
वर्तमान में शिवराज सरकार केवल 5 मंत्रियों के साथ ही कामकाज कर रही हैं और लंबे समय से उसके विस्तार की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस बीच राज्यसभा के रास्ते फिर से संसद पहुंचने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के उपचुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री बनने की अटकलें भी तेज हो गई है।
मध्यप्रदेश जहां मार्च में देखते ही देखते सत्ता परिवर्तन हो गया था और कमलनाथ ‘वर्तमान’ से ‘पूर्व’ और शिवराज सिंह चौहान ‘पूर्व’ से ‘वर्तमान’ मुख्यमंत्री बन गए थे वहां 100 दिन बाद भी कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे सिंधिया सर्मथक आज भी ‘पूर्व’ मंत्री ही बने हुए हैं। ‘पूर्व’ से फिर से ‘वर्तमान’ बनने की चाहत को इन नेताओं ने एक नहीं कई मौकों पर सार्वजनिक तौर पर प्रकट भी किया है।
मध्यप्रदेश की सियासत में ‘महाराज’ कहे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से बगावत करने वाले कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे सिंधिया समर्थक 100 दिन पहले ‘वर्तमान’ से ‘पूर्व’ माननीय बन गए थे। ‘पूर्व’ बने इन माननीयों का फिर से ‘वर्तमान’ बनने का इंतजार दिनों दिन लंबा खींचता जा रहा है।
उपचुनाव से पहले बढ़ी बेचैनी !- अब जब प्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव का काउंटडाउन शुरु हो गया है तो सिंधिया समर्थक ‘पूर्व’ बने विधायकों में ‘वर्तमान’ मंत्री बनने की बैचेनी बढ़ती जा रही है। पिछले दिनों भोपाल में सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों की बैठक को भी इसी से जोड़ कर देखा जा रहा हैं।
‘पूर्व’ से ‘वर्तमान’ बनने के लिए सिंधिया समर्थकों की धड़कनें जैसे चुनाव करीब आता जा रहा है वैसे- वैसे और बढ़ती जा रही है। अभी जब उनको भाजपा की सदस्यता लिए 100 दिन भी पूरे नहीं हुए है, तब वह ‘वर्तमान’ बनने की आस में लगातार भाजपा मुख्यालय की परिक्रमा कर रहे हैं लेकिन इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
‘वर्तमान’ मंत्री बनने के दावेदार – तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत भले ही शिवराज सरकार में शामिल होकर ‘पूर्व’ से 'वर्तमान' मंत्री बन गए हो लेकिन इस फेहरिस्त में अभी भी कई नाम लंबित है। जिनसे सबसे आगे ‘वर्तमान’ से ‘पूर्व’ बनें महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी और इमरती देवी है। इसके साथ बिसाहूलाल सिंह,एंदल सिंह कंसाना, हरदीप सिंह डंग,राजवर्धन दत्तीगांव और कमलेश जाटव भी मंत्री बनने प्रबल दावेदार है।
सियासी उलटफेर का फ्लैशबैक 100 Days – 100 दिन पहले अजब एमपी में सियासत का गजब खेल देखने को मिला था। कांग्रेस के सबसे बड़े और सियासत में ‘महाराज’ कहे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च को कांग्रेस का साथ छोड़ उस भाजपा में शामिल हो गए थे जिसके विरोध की राजनीति वह पिछले 18 साल से करते आए थे।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस का 15 साल का वनवास खत्म कर कांग्रेस की सरकार बनाने में अहम रोल निभाने वाले सिंधिया के भाजपा में शामिल होते ही तय हो गया कि कांग्रेस 15 महीने बाद फिर सत्ता से बाहर होने जा रही है, इसकी वजह सिंधिया के साथ उनके सर्मथक 22 विधायकों का कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना।
10 मार्च से 20 मार्च तक चले नाटकीय सियासी घटनाक्रम में 14 मार्च को सिंधिया सर्मथक मंत्रियों को बर्खास्त किया गया तो 15 मार्च को (100 दिन पहले) उनकी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे को स्वीकार कर वर्तमान से पूर्व विधायक बना दिया गया। इसके बाद 20 मार्च को कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही 15 महीने ‘पूर्व’ हुए शिवराज सिंह चौहान का वर्तमान मुख्यमंत्री बनना तय हो गया था।