पुलिस को यह तैनाती इसलिये करनी पड़ी है, क्योंकि पिछले दो दिन में आंदोलनकारी किसान शहर पहुंचने वाली दूध की गाड़ियों को बलपूर्वक रोककर लाखों लीटर दूध सड़कों पर बहा चुके हैं। आंदोलनकारी किसान शहर आने वाली सब्जियों की बड़ी खेप भी सड़कों पर बिखेर चुके हैं। बहरहाल, पुलिस और प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद शहर में अनाज, दूध और फल.सब्जियों की आपूर्ति अब तक सामान्य नहीं हो सकी है। आम जरूरत की इन चीजों की स्थानीय मंडियों में आंदोलनकारी किसान पिछले तीन से जमे हैं जिससे कारोबार ठप पड़ा है।
किसानों ने अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर 1 से 10 जून तक आंदोलन की घोषणा की है। इनमें स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक आलू-प्याज समेत सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने, सभी कृषि उपज मंडियों में एमएसपी से नीचे खरीदी नहीं किए जाने को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाए जाने, कृषि ऋणों की माफी और किसानों की सिंचित व बहुफसलीय कृषि भूमि का अधिग्रहण नहीं किए जाने की मांग शामिल है। (भाषा)