भोपाल। विजयपुर उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों सुर्खियों में है। सिंधिया पर जहां कांग्रेस निशाना साध रही है वहीं दूसरी ओऱ भाजपा के अंदरखाने भी विजयपुर में भाजपा की हार के लिए सिंधिया को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस बीच भाजपा संगठन ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और विजयपुर चुनाव को लेकर भाजपा नेताओं के बयान पर रोक लगा दी है।
क्या हैं सिंधिया और विजयपुर उपचुनाव का पूरा विवाद?- विजयपुर उपचुनाव से सिंधिया की दूरी बनाना और उनका चुनाव प्रचार नहीं करना भाजपा की हार की बड़ी वजह बताया जा रहा है। इस सवाल को जब मीडिया ने सिंधिया से पूछा तो उन्होंने दो टूक कह दिया कि उन्हें चुनाव प्रचार के लिए बुलाया ही नहीं गया था ग्वालियर में सिंधिया से जब मीडिया ने सवाल किया कि लोग कह रहे है कि महाराज के नहीं जाने से विजयपुर में भाजपा की हार हुई है, तो इस पर सिंधिया ने कहा कि “इस पर हमें चिंतन करना होगा, जरुर चिंता की बात है और अगर मुझे कहा जाता तो मैं जरूर जाता”।
कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान से यह सवाल उठने लगा था कि क्या सिंधिया को वकाई में उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए नहीं बुलाया गया। इस पर प्रदेश भाजपा के महामंत्री और विधायक भगवान दास सबनानी ने कहा कि विजयपुर विधानसभा उपचुनाव के स्टार प्रचारकों की सूची में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम था।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने विजयपुर विधानसभा उपचुनाव प्रचार के लिए केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने केन्द्रीय मंत्री सिंधिया से आग्रह किया था कि वे विजयपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए समय दें, लेकिन केन्द्रीय मंत्री सिंधिया की अन्यत्र व्यस्तता होने के कारण वे विजयपुर में समय नहीं दे पाए। ऐसा नहीं है कि मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने विजयपुर के चुनाव प्रचार में उन्हें नहीं बुलाया था।