कमलनाथ सरकार ने बजट में खोला सौगातों का पिटारा, कृषि, हेल्थ और सामाजिक सेक्टर पर विशेष फोकस

विकास सिंह
भोपाल। मध्य प्रदेश में आर्थिक संकट से जूझ रही कमलनाथ सरकार ने अपने पहले पूर्ण बजट में सौगातों का पिटारा खोल दिया। वित्तमंत्री तरुण भनोत ने सदन में 2 लाख 37 हजार करोड़ का बजट पेश करते हुए किसान, गरीब और महिलाओं के लिए कई सौगातों का ऐलान किया। कमलनाथ सरकार के इस पहले बजट में सरकार के वचन पत्र की झलक भी देखने को मिली।

किसानों के लिए सौगात : बजट में किसानों को कमलनाथ सरकार ने सौगात देते हुए कृषि योजनाओं को लिए 22 हजार 736 करोड़ का बजट आवंटन किया, जो कि पिछले साल से 145 फीसदी अधिक था। इसके साथ किसानों की कर्जमाफी के लिए 8 हजार करोड़ रुपए का प्रवाधान किया गया। इसके साथ किसान सलाहकार परिषद के गठन का ऐलान किया गया, जो किसानों के साथ संवाद का उनकी परेशानियों को दूर करने का काम करेगी।
 
इसके साथ ही बजट में कृषक बंधु योजना के शुरू करने का भी ऐलान किया गया जिसमें गांव में किसानों को चयनित कर उन्हें उन्नत कृषि के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके साथ ही सहकारी बैंकों की वित्तीय हालत सुधारने के लिए 1 हजार करोड़ के बजट का आवंटन किया गया है। सरकार ने बजट में बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण योजना शुरू करने का ऐलान किया।
 
इसके साथ ही प्रदेश में गौशालाओं की हालत सुधारने के लिए कन्वर्हनेस और कॉर्पोरेट मॉडल पर इनका नए सिरे से विकास करने की योजना की घोषणा की गई। सरकार ने बजट में बड़ा ऐलान करते हुए किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ पशुपालकों और मछुआरों को भी देने का ऐलान किया। बजट में ग्वालियर और जबलपुर में डेयरी साइंस और खाद्य प्रसंस्करण महाविद्यालय खोले जाने की भी घोषणा की गई।
 
स्वास्थ्य क्षेत्र में राइट टू हेल्थ की सौगात : बजट में कमलनाथ सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा ऐलान करते हुए स्वास्थ्य का अधिकार (राइट टू हेल्थ) योजना का ऐलान किया। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के दूरदराज इलाकों में चिकित्सा सेवा पहुंचाने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री सुषेण संजीवनी योजना शुरू करने का ऐलान किया।
 
इसके साथ ही प्रदेश में 6 नए सिविल अस्पताल खोलने, 70 नए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शुरू करने का भी ऐलान किया गया। इसके साथ ही भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रीवा और जबलपुर में बर्न यूनिट और स्किल सेंटर फॉर ह्यूमन रिसोर्स सेंटर खोले जाने प्रस्तावित है।
 
सामाजिक सेक्टर के बड़े ऐलान : बजट में सरकार ने बुजर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन 300 रुपए से बढ़ाकर दोगुना करते हुए 600 रुपए किए जाने का ऐलान किया। इसके साथ ही बजट में प्रदेश में आदिवासियों के संस्कृति के संरक्षण और उनके उन्नयन के लिए आष्ठान योजना शुरू करने का ऐलान किया है।
 
प्रदेश की तस्वीर बदलने वाली योजना : बजट में सरकार ने प्रदेश को बीमारु प्रदेश से विकसित प्रदेश बनाने के लिए कई घोषणाओं का ऐलान किया। प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए बड़ा ऐलान करते हुए दतिया, रीवा, उज्जैन और छिंदवाड़ा को रीजनल एयर कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा। बड़े शहरों पर शहरीकरण का दबाव कम करने के लिए सैटेलाइट टाउन को डेवलप किए जाने का भी प्रस्ताव किया गया।
 
उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बड़े ऐलान : भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस वे का निर्माण कर सैटेलाइट टाउन, औद्योगिक क्षेत्र तथा ड्राय पोर्ट विकसित किए जाने का प्रस्ताव भी बजट में है। बजट में प्रदेश में 4 नवीन टेक्सटाइल-गारमेंट पार्क और एक कन्फेक्शनरी पार्क खोलने का ऐलान किया गया। इसके साथ ही बजट में अतिरिक्त मिष्ठान्न एवं नमकीन क्लस्टर और कॉमन फेसिलिटेशन सेंदर खोलने का ऐलान किया गया।
 
बजट में मध्यप्रदेश के विशेष उत्पादों जैसे चंदेरी और महेश्वरी की साड़ियां, धार का बाघ प्रिंट कपड़ा, भोपाल के बटुए जैसे अन्य उत्पादों की देश और विदेशों में ब्रांडिंग करने का ऐलान किया गया। इसके लिए सरकार ब्रांडिंग और मार्केटिंग विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद लेगी।
 
महिलाओं के लिए ऐलान : बजट में महिलाओं के लिए बड़ा ऐलान करते हुए उनके स्वरोजगार के लिए मुख्यमंत्री ई- रिक्शा योजना शुरू करने का ऐलान किया गया। इसके साथ ही पैतृक संपत्ति में हिस्सा देने के लिए टैक्स में छूट देने का ऐलान किया गया।
 
पीने का पानी, जल संरक्षण के लिए बड़े ऐलान : बजट में वित्तमंत्री तरुण भनोत ने राज्य के हर नागरिक के लिए पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए राइट टू वॉटर योजना शुरू करने का ऐलान करते हुए इसके लिए 1,000 करोड़ के बजट प्रावधान किया।
 
बजट में सरकार ने जल संरक्षण और नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम शुरू करने का ऐलान किया। योजना के तहत इंदौर की कान्ह नदी को पुनर्जीवित करने के लिए काम शुरू करने का ऐलान किया गया।
 
सरकारी कर्मचारियों के लिए आयोग के गठन का ऐलान बजट में किया गया। आयोग सरकारी कर्मचारियों की सेवा शर्तों से संबंधित बिंदुओं और उनकी अन्य समस्याओं पर विचार करेगा। पुजारियों का मानदेय 3 गुना बढ़ाने और उनके हितों की रक्षा के लिए पुजारी कल्याण कोष की स्थापना करने का ऐलान किया गया।

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