बताया है कि इस मामले में 300 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इसमें सभी 9 टेंडर शिवराज सरकार द्वारा रद्द कर दिए गए थे। जानकारी के मुताबिक दिसंबर के पहले हफ्ते में सीईआरटी यानी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने 11 हार्डडिस्क में MPSEDC से डाटा ज़ब्त किया था। जांच के दायरे में प्रदेश के कई अफसर और कर्मचारी हैं।