भोपाल। कांग्रेस में नेतृत्व संकट के बाद कर्नाटक और गोवा में पार्टी विधायकों के इस्तीफे और उनके भाजपा से हाथ मिलाने के बाद अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। कमलनाथ सरकार को किसी भी संकट से बचाने के लिए पार्टी के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अब संकट मोचक की भूमिका में नजर आ रहे हैं।
लोकसभा में खुद कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भाजपा पर कर्नाटक और मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। लोकसभा चुनाव के बाद कमलनाथ सरकार के कभी भी गिर जाने की भविष्यवाणी करने वाली भाजपा के हर दांवपेंच से पार्टी विधायकों को बचाने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया है। कमलनाथ सरकार को किसी भी संकट से बचाने के लिए पार्टी के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अब संकट मोचक की भूमिका में नजर आ रहे हैं।
अपने गुट के मंत्रियों की सरकार से नाराजगी की खबरों के बीच एक दिन के दौरे पर भोपाल पहुंचे सिंधिया ने पार्टी के पूरी तरह एकजुट होने का संदेश देते हुए कहा कि पूरी पार्टी एकजुट है। इस दौरान उनका मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ लंच और डिनर पर ताजा सियासी हालातों पर मंथन हुआ। इस दौरान सिंधिया ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा प्रदेश में बैक-डोर से एंट्री करने की कोशिश में लगी हुई है।
डिनर डिप्लोमेसी से एकजुटता का संदेश : सिंधिया के भोपाल दौरे के दौरान सिंधिया गुट के मंत्री तुलसी सिलावट के सरकारी बंगले पर भव्य डिनर का आयोजन किया गया। डिनर में मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत पार्टी के सभी दिग्गज नेता, मंत्री और विधायक शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच अकेले में करीब 15 मिनट बातचीत हुई। डिनर में पार्टी को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों के साथ बसपा और सपा के विधायक भी पहुंचे।
डिनर से बाहर निकलकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि इसमें कोई डिप्लोमेसी नहीं है, मेरा तो लंच भी था, डिनर की क्या बात। वहीं मुख्यमंत्री ने कर्नाटक और गोवा से मध्य प्रदेश की तुलना नहीं करने की बात कही। सिंधिया गुट के मंत्री के घर डिनर का आयोजन कर पार्टी ने उन सभी अफवाहों को खारिज करने का संदेश दिया है जिसमें लंबे समय से उनके सरकार के नाराज होने और कैबिनेट से सिंधिया गुट के कुछ मंत्रियों को हटाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं।