प्राप्त जानकारी के अनुसार छोटे वाहनों में क्षमता से कई गुना ज्यादा यात्रियों को भरने से इन दिनों सड़क पर सफर असुरक्षित हो गया है। सिर्फ 2016 में बस हादसों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अत: सड़क परिवहन निगम बंद होने के 11 साल बाद राज्य सरकार एक बार फिर प्रदेश में सरकारी बसें चलाने पर विचार कर रही है। हालांकि इसके लिए इंटरसिटी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को सपनि के विकल्प के रूप में तैयार करने पर विचार चल रहा है।
बताया जा रहा है कि साल भर में सपनि का विकल्प तैयार कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि दूरस्थ अंचलों में परिवहन के साधनों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, जिससे लोगों को निजी ऑपरेटरों की मनमानी झेलना पड़ती है।