मप्र के मदरसों में तिरंगा फहराने के आदेश से सियासी तूफान

शनिवार, 12 अगस्त 2017 (14:55 IST)
भोपाल। आगामी स्वतंत्रता दिवस पर मध्यप्रदेश के सभी मदरसों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराए जाने और सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तस्वीरें उपलब्ध कराए जाने के प्रदेश मदरसा बोर्ड के आदेश से राज्य में राजनीति का दौर शुरू हो गया है।
 
मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर सैयद इमादउद्दीन हालांकि अब इसे एक नियमित आदेश बताकर बचाव की मुद्रा में आ गए हैं, लेकिन उत्तरप्रदेश सरकार के ऐसे ही आदेश पर मचे बवाल के बाद अब मध्यप्रदेश में भी ऐसा आदेश सार्वजनिक होने से प्रदेश में एक बहस छिड़ गई है। कांग्रेस जहां एक ओर इसे अविश्वास की भावना से जोड़ रही है, वहीं भाजपा ने इसे निरंतर चलने वाली प्रक्रिया बताया है।
 
प्रोफेसर इमादउद्दीन ने कहा कि यह एक नियमित आदेश है। हर बार 15 अगस्त और 26 जनवरी को ऐसा आदेश जारी किया जाता है। अन्य समारोहों के लिए भी मदरसों को निर्देशित किया जाता है। यह सही नहीं है कि उत्तरप्रदेश को देखते हुए ऐसा किया गया है, उस प्रदेश के बारे में कुछ भी कहना हमारे अधिकारक्षेत्र में भी नहीं है।
 
उन्होंने इस आदेश समेत अपने ऐसे सभी आदेश बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड होने का भी दावा किया, लेकिन खबर लिखे जाने तक बोर्ड की वेबसाइट पर ऐसा कोई आदेश उपलब्ध नहीं था।
 
वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने इसे एक तुगलकी फरमान की संज्ञा देते हुए कहा कि देश के सभी हिस्सों में तिरंगा फहरना चाहिए, लेकिन यह 'फोर्सफुली' नहीं होना चाहिए और इसकी फोटो उपलब्ध कराना एक प्रकार से अविश्वास की भावना का द्योतक है। 
           
दूसरी ओर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता हिदायतुल्ला शेख ने भी इसे एक नियमित प्रक्रिया बताते हुए कहा कि इस आदेश को किसी और प्रदेश से जोड़ना उचित नहीं है। जहां तक फोटो अपलोड किए जाने की बात है, तो यह अच्छे कार्यों के लिए पुरस्कृत किए जाने की सतत् प्रक्रिया के तहत किया जाता है।
 
शेख ने कहा कि उत्तरप्रदेश में इस प्रकार का आदेश 11 तारीख को जारी किया गया था, जबकि मध्यप्रदेश में यह 10 को ही जारी किया जा चुका था। बोर्ड के अध्यक्ष की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी मदरसा संचालक स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम करना सुनिश्चित करें, मदरसा संचालक और विद्यार्थी तिरंगा रैली आयोजित करें और समस्त कार्यक्रमों के छाया चित्र बोर्ड के कार्यालय के ईमेल पर भेजें। (वार्ता)

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