शिवराज सरकार द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज और ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश को वापस लिए जाने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सोमवार को स्थगित या रद्द कर दिया जाएगा, लेकिन देर शाम तक फैसला नहीं हो सका था।
आयोग के सचिव बीएस जमोद का कहना है कि चुनाव को लेकर कोई भी फैसला कानूनी राय लेने के बाद ही लिया जाएगा। सोमवार को राज्य चुनाव आयोग में दिनभर बैठकों का दौर चलता रहा। चुनाव आयुक्त ने करीब डेढ़ घंटे तक प्रधान सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग उमाकांत उमराव, निदेशक पंचायत राज आलोक कुमार सिंह और आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक की।